बेंगलूरु: चीन के शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक TIK TOK पर भारत में प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन देश में इसकी तरह के कई ऐप आ चुके हैं। इनमें से एक है जोश।
टिकटॉक के इस देसी संस्करण को अब गूगल Google और माइक्रोसॉफ्ट Microsoft जैसे दिग्गज निवेशकों का साथ मिला है।
इसकी पेरेंट कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा फंड जुटाया है।
इसके निवेशकों में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक और माइक्रोसॉफ्ट भी शामिल हैं।
चीन के साथ सीमा पर विवाद के चलते सरकार ने जून में चीन के पॉपुलर ऐप टिकटॉक पर बैन लगा दिया था।
इसकी भरपाई के लिए देश में कई शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म उभरे हैं, जिन्होंने दुनियाभर के निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
इस निवेश के बाद जोश की पेरेंट कंपनी वरसी इनेवेशन की वैल्यू 1अरब डॉलर से अधिक हो गई है।
इस तरह यह देश की पहले टेक यूनिकॉर्न बन गई है जिसका फोकस स्थानीय भाषाओं पर है।
ग्लोबल एसेट मैनेजर फाल्कन ऐज कैपिटल की सहयोगी कंपनी अल्फावेव ने भी वरसी में निवेश किया है।
साथ ही कंपनी के मौजूदा निवेशकों सोफीना ग्रुप और लूपा सिस्टम्स ने भी ताजा फंड राउंड में हिस्सा लिया।
कंपनी का कहना है कि इस फंड का इस्तेमाल जोश को बढ़ाने में किया जाएगा।
न्यूज और कंटेंट प्लेटफॉर्म डेलीहंट भी वरसी का हिस्सा है। यह कई भारतीय भाषाओं में कंटेंट देता है।