जमशेदपुर: कोल्हान विश्वविद्यालय (Kolhan University) ने आठ अप्रैल को हुए दीक्षांत समारोह का विरोध करने वाले सभी विद्यार्थियों का पैसा वापस करने का निर्णय लिया है।
इसे लेकर विवि के कुलपति डॉ गंगाधर पंडा ने बैठक भी की है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि समारोह का विरोध करने वाले सभी विद्यार्थियों का उनके द्वारा जमा किये गये 500-500 रुपये लौटा दिया जाएगा।
इस संबंध में विद्यार्थियों को बताया गया है कि नौ से 15 अप्रैल तक दीक्षांत समारोह में जमा किये गये पैसे लौटाने के लिए विवि का पोर्टल खुला रहेगा।
विद्यार्थियों को निर्देश दिया गया है कि उनके द्वारा जिस बैंक डिटेल से पैसे भेजे गये थे। उक्त बैंक डिटेल के आधार पर ही छात्र को पैसे लौटाये जायेंगे।
वह राज्यपाल को अपना पत्र सौंपना चाहती थी
वहीं दूसरी ओर जिन छात्रों ने इंटरनेट कैफे आदि से पैसे जमा किये थे। उन्हें अपना आधार, रोल नंबर, इनरोलमेट नंबर एवं आईएफएससी कोड के साथ अपने या परिजनों का बैंक डिटेल जमा करने को कहा गया है।
इसे लेकर कोल्हान विश्विद्यालय के द्वारा ई-मेल आईडी vskolhanuniv@gmail.com जारी किया गया है। वहीं दूसरी ओर कुलपति ने तत्काल प्रभाव से जमशेदपुर स्थित एबीएम कॉलेज के मैथली विभाग के सहायक प्रोफेसर सह केयू के ब्रांच आफिस के इंचार्ज डॉ आरके चौधरी को घाटशिला कॉलेज का प्रोफेसर इंचार्ज नियुक्त किया है।
एबीएम कॉलेज के संस्कृत विभाग में पदस्थापित डॉ टी पांडेय को जमशेदपुर स्थित कोल्हान विश्विद्यालय के ब्रांच आफिस को समालने की जिम्मेदारी सौंपी है।
उल्लेखनीय है कि दीक्षांत समारोह के दौरान गत शुक्रवार को एक टॉपर छात्रा ने अपना गोल्ड मेडल और प्रमाण पत्र लेने से इनकार कर दिया।
छात्रा को मेडल लेने के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया था। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस छात्रा के गले में मेडल पहनाने वाले थे।
ठीक इससे पहले छात्रा ने हाथ जोड़कर मेडल लेने से इनकार कर दिया। छात्रा अपने हाथ में एक मांग पत्र लेकर पहुंची हुई थी। वह राज्यपाल को अपना पत्र सौंपना चाहती थी। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने दोबारा छात्रा को राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया।
छात्रा ने अर्थशास्त्र विषय में 2016-18 सत्र में एमए किया है
छात्रा के हाथ से मांग पत्र लेकर फाड़ दिया गया। इसके बाद छात्रा ने राज्यपाल के सामने ही मंच पर अपना विरोध व्यक्त किया।
उसने बताया कि वह विश्वविद्यालय में सभी छात्र-छात्राओं को एक साथ प्रमाण पत्र नहीं देने के के निर्णय का विरोध कर रही है। छात्रा का आरोप था कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के बीच भेदभाव कर रहा है।
विश्वविद्यालय में पहली बार सभी छात्र-छात्राओं को एक मंच पर प्रमाण पत्र नहीं देने का निर्णय लिया गया था। अ
लग-अलग कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए प्रमाण पत्र वितरण के लिए अलग-अलग महाविद्यालयों में प्रमाण पत्र वितरण की व्यवस्था की गई थी।
इसको लेकर कुछ छात्र संगठन लगातार विरोध कर रहे थे। बताया जा रहा है कि विरोध करने वाली छात्रा भी एआइडीएसओ नामक छात्र संगठन से जुड़ी हुई है।
वह लंबे समय से विश्वविद्यालय के निर्णय के विरोध में कर रही थी। छात्रा का नाम सोनी गुप्ता है। छात्रा ने अर्थशास्त्र विषय में 2016-18 सत्र में एमए किया है।