नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थलसेना, वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के उन जवानों एवं कर्मियों के साथ वर्चुअल तरीके से बातचीत करेंगे, जो हाल ही में झारखंड में हुए रोपवे हादसे के बाद 40 घंटे लंबे बचाव अभियान में शामिल थे।
यह बचाव अभियान मंगलवार को ही समाप्त हुआ है। बुधवार शाम को होने वाली बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री बचाव अभियान पर उनकी प्रतिक्रिया लेंगे, जिसके तहत 46 लोगों को बचाया गया है।
देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों के पास रोपवे हादसा हो गया था, जिस दौरान केबल कार बीच रास्ते में ही अटक गई थीं और उनके बैठे लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी।
हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। रविवार को केबल कारों की टक्कर के बाद यह दुर्घटना हुई, जिसके बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया गया, जो लगभग दो दिनों तक चला।
इस घटना के बाद, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार सुरक्षा और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए सभी रोपवे परियोजनाओं की सुरक्षा ऑडिट करने को कहा है।
इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) से आवश्यक मार्गदर्शन लिया जा सकता है।