बेंगलुरु : ठेकेदार आत्महत्या मामले में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं को गुरुवार को उस समय रोककर हिरासत में ले लिया गया जब वे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास की ओर मार्च कर रहे थे।
एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और अन्य प्रमुख नेताओं को रेसकोर्स रोड के पास हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
आपको बता दें कि बेलगावी के ठेकेदार संतोष के. पाटिल ने उडुपी के एक लॉज में जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने मोबाइल मैसेज के जरिए अपनी मौत को जिम्मेदार सीधे तौर पर मंत्री ईश्वरप्पा को बताया था।
उन्होंने मैसेज के जरिए बताया कि ईश्वरप्पा ने अपने गांव के आसपास 4 करोड़ रुपये की लागत से किए गए कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन देने का दबाव बनाया था।
कर्नाटक पुलिस ने मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ केस दर्ज किया। इस पर मंत्री ने कहा है कि मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है। इसलिए मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। वहीं सीएम बोम्मई ने कहा है कि पुलिस से प्रारंभिक रिपोर्ट मिलने के बाद वह ईश्वरप्पा के इस्तीफे के मुद्दे पर फैसला करेंगे।
इस मामले को लेकर सुरजेवाला ने सीएम बोम्मई पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने कर्नाटक को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए एक विरोध मार्च शुरू किया है।
जिसके तहत सीएम बोम्मई के आवास को घेरकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। सीएम को हर कन्नड़ की आवाज सुननी ही होगी। यह राजनीतिक संघर्ष नहीं ब्लकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है।
वहीं, विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया, ठेकेदार की मौत के लिए सीधे तौर पर मंत्री ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं। हमारे सभी नेताओं ने उनके घर का दौरा किया और संवेदना व्यक्त की।
ठेकेदार संतोष के. पाटिल की पत्नी ने ईश्वरप्पा को उनके पति की मौत के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, ईश्वरप्पा ने पाटिल से 1.40 करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की थी। जिससे परेशान होकर मेरे पति ने आत्महत्या कर ली।