लखनऊ : वरिष्ठ पत्रकार पीयूष कांत राय (पीके दादा) का शनिवार की सुबह लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लगभग 87 वर्ष के थे। उनके निधन पर पत्रकारों ने शोक व्यक्त करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
सैद्धान्तिक पत्रकारिता से अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले पीके राय का जन्म 27 मार्च 1935 को किशोरगंज (वर्तमान बांग्लादेश) में हुआ था।
भारतीय पत्रकारों का प्रतिनिधित्व किया
सन् 1959 में वह पत्रकारिता में आए। प्रारम्भ में हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी में रहने के बाद 1969 में अंग्रेजी दैनिक द हिंदू से जुड़े। वहां विशेष संवाददाता के तौर पर लगातार 2002 तक कार्यरत रहे।
पत्रकारिता के इस लंबे अंतराल में राय ने रूस और लंदन के समाचार पत्रों से विशेष रूप से जुड़े रहने के साथ ही, सन् 1988 में हालैंड में 18वें विश्व पत्रकार कांग्रेस में तथा कोलंबो में सार्क सम्मेलन में भारतीय पत्रकारों का प्रतिनिधित्व किया।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के संस्थापक सदस्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लेखन के साथ ही नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के संस्थापक सदस्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
इसी के साथ ही वह संस्कार भारती सहित कई सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े रहे।
बांग्ल भाषा के लिए भी उनका अभूतपूर्व योगदान रहा। पत्रकारिता और सामाजिक योगदान को देखते हुए सन् 2006 में प्रतिष्ठित पं.जगदीश नारायण मिश्र सम्मान से विभूषित किया गया।
पीके राय के पुत्र मुंबई में रहते हैं। वह भी वहीं रहते थे। उनकी एक बेटी गुड़गांव में हैं।