नई दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकालकर लाए गए भारतीय छात्र और उनके माता-पिता यहां रविवार को जंतर-मंतर पर भारतीय चिकित्सा संस्थानों में दाखिले की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए जुटे।
यूक्रेन एमबीबीएस छात्रों के माता-पिता संघ के तहत देशभर से लगभग 300 माता-पिता और छात्रों ने सरकार से मांग की कि भारतीय संस्थानों में उनकी बाकी शिक्षा पूरी करने के लिए नामांकन सुनिश्चित किया जाए।
एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.बी. गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, सरकार इन छात्रों को पोलैंड, हंग्री और यूरोपीय देशों में दाखिला दिलाने की योजना बना रही थी, जहां फीस बहुत ज्यादा है और कमोबेश भारतीय प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के बराबर है .. हम मध्यम वर्गीय परिवारों से हैं, हमारी आय इतनी नहीं है कि ज्यादा फीस दे सकें।
हम यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करने के लिए एकत्र हुए कि हमारे बच्चों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाया जाए।
उन्होंने कहा कि सरकार को इन बच्चों का करियर उसी तरह बचाना चाहिए, जैसे उसने इनकी जान बचाई और इन्हें यूक्रेन से वापस ले आई।
गुप्ता ने कहा, अभिभावक संघ पिछले सप्ताह राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष संजीव शर्मा से भी मिलने गए थे और उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि सरकार की अनुमति मिलने के बाद परिषद बच्चों को समायोजित करेगी।
उन्होंने यह भी कहा, भाजपा नेता अनिल कुमार शर्मा ने हमें आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस मुद्दे पर विचार कर रहा है और जल्द ही इस मसले को सुलझा लिया जाएगा।