नई दिल्ली: दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की।
अदालत में हिंदू सेना का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विदलेश अग्रवाल ने आईएएनएस से बात करते हुए आरोप लगाया कि रामनवमी और हनुमान जयंती (हनुमान जन्मदिवस) के अवसर पर देश के कई हिस्सों में हुई सभी समान घटनाओं में एक संबंध है।
उन्होंने इस घटना को पीएफआई का कृत्य करार देते हुए आरोप लगाया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में शांति भंग करने के लिए फंडिंग कर रही है।
उन्होंने कहा कि देसी बंदूकें, पेट्रोल बम और दंगा और आगजनी के लिए हाथ से बने अन्य औजारों सहित विभिन्न हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने का एक संगठित तरीका अपनाया गया था।
शस्त्र अधिनियम के तहत पांच बार मामला दर्ज किया जा चुका है
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर अग्रवाल ने कहा कि वह एक या दो दिन में मामले में उचित जनहित याचिका (पीआईएल) के साथ फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
याचिका में हिंदू सेना ने मांग की है कि दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मंगवाई जाए और इसकी जांच एनआईए से कराई जाए।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा जुलूस के दौरान विभिन्न समुदायों के लोगों के दो समूहों के बीच भीषण झड़प हो गई थी।
पुलिस ने अब तक कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया है और इसके साथ ही दो नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के अनुसार, हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता अंसार को पहले हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया था और उसे निवारक धाराओं के तहत बार-बार गिरफ्तार किया जा चुका है।
इसके अलावा उस पर जुआ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत पांच बार मामला दर्ज किया जा चुका है।
आधिकारिक तौर पर यह पता चला है कि घटना की जांच के लिए अपराध शाखा की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसमें पांच सहायक पुलिस आयुक्त और 10 निरीक्षक शामिल होंगे।