गुवाहाटी: केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने शनिवार को अपनी अपील दोहराई और आंदोलनकारी किसानों से उनकी चिंताओं को सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया।
शाह ने यहां अमिंगॉन परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, मैं किसानों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने मुद्दों को हल करने के लिए सरकार से बातचीत करें।
लगभग 40 किसान संगठनों से जुड़े नेताओं के नेतृत्व में किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
वे सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
इन कानूनों में कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन और मूल्य आश्वासन पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तीकरण) समझौता एवं कृषि सेवा अध्यादेश शामिल हैं, जिनका किसान विरोध कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि असम में 16 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय लाभ मिलता है और वित्तीय सहायता सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल फरवरी में किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-किसान योजना शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत, लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्येक वर्ष 6,000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं।
यह राशि तीन मासिक किस्तों में प्रत्येक किसान के खाते में सीधे भेजी जाती है।
शुक्रवार रात असम और मणिपुर की तीन दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचे शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली असम सरकार ने 7.20 लाख चाय बागान श्रमिकों के बैंक खातों में सीधे वित्तीय सहायता राशि भेजी है।