कोडरमा: बाल तस्करी के लिए दिल्ली ले जाए जा रहे चार नाबालिगों को कोडरमा स्टेशन पर शुक्रवार को रेस्क्यू कर लिया गया। इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है।
चारों किशोर और दलाल गिरिडीह जिले के लोकाई नयनपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। उन्हें दिल्ली में होटलों में काम दिलाने के नाम पर ले जाया जा रहा था।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन को मिली सूचना के आधार पर आरपीएफ के सहयोग से स्टेशन से इन सभी नाबालिग को बरामद कर लिया गया।
इन सबको को दिल्ली में अलग-अलग होटलों में काम पर लगाया जाना था। इसके लिए 9000 रुपये प्रति महीने देने की बात दलालों की ओर से इनके अभिभावकों से कहा गया था।
बच्चों की उम्र महज 13 से 14 साल है। हाल में बनाए गए इनके आधार कार्ड में बच्चों की उम्र बढ़ाकर 18 वर्ष दिखाई गई है।
आरपीएफ ने रेस्क्यू किए गए बच्चों को अपने पास सुरक्षित रखा है। इनके संरक्षण के लिए चाइल्डलाइन को सूचना दी गई है।
दिल्ली जाने के बाद इनका भविष्य क्या होता, यह किसी को नहीं पता
किसी को शक न हो और दलाल पकड़े ना जाएं, इस कारण शुक्रवार की सुबह झारखंड संपर्क क्रांति एक्सप्रेस इन्हें दिल्ली ले जाने की तैयारी थी। मौके से सबका रेलवे टिकट और आधार कार्ड भी बरामद किया गया है।
इस मामले में जानकारी देते हुए आरपीएफ प्रभारी जवाहरलाल ने बताया कि सभी किशारों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
उसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि सत्यार्थी फाउंडेशन के सदस्यों की सूचना पर उनके सहयोग से सबको समय रहते रेस्क्यू किया गया है।
इस संबंध में सत्यार्थी फाउंडेशन के वरिष्ठ निदेशक गोविंद खनाल ने बताया कि जिन किशोरों को दलाल लेकर जा रहा था उन्हें दलाल का नाम तक पता नहीं था।
ऐसे में दिल्ली जाने के बाद इनका भविष्य क्या होता, यह किसी को नहीं पता। समय रहते सूचना मिली और बच्चों को बाल श्रम के दलदल में फंसने से पहले ही रेस्क्यू कर लिया गया है।