श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के कुछ हिस्सों में मुसलमानों को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने पर कुछ नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने पीएम मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर श्रीनगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह बात कही।
प्रधानमंत्री रविवार को जम्मू के सांबा के पाली गांव में थे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के जश्न में भाग लिया और देश भर में ग्राम सभाओं को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि युवा उन दुखों को नहीं देख पाएंगे जो उनके माता-पिता और दादा-दादी ने अतीत में देखे हैं।
स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है लेकिन देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और उनके घरों और आजीविका पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर एक धर्मनिरपेक्ष देश में शामिल हो गया, जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मुसलमान अब नीचा महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री किन युवाओं से बात कर रहे हैं, जिन्हें यूएपीए के साथ सजा दी गई, जैसे कि पीएसए कम गंभीर था?
उन्होंने आगे कहा, जम्मू-कश्मीर के युवाओं का कोई भविष्य नहीं है। नौकरियां जा रही हैं। हमारे खनिज संसाधन, जम्मू की शराब की दुकानें बाहरी लोगों को सौंप दी जाती हैं। हमारी जमीन सेल पर है। स्टांप शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है, ताकि जमीन पर डाका डाला जा सके।
उन्होंने कहा, पूरे देश को बिजली देने वाला जम्मू-कश्मीर अंधेरे में डूबा हुआ है। यहां तक कि रमजान के महीने में भी बिजली नहीं है।