नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 02-04 मई को जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस वर्ष यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा होगी।
बर्लिन में प्रधानमंत्री जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। दोनों नेता भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के छठे संस्करण की सह-अध्यक्षता भी करेंगे।
अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री और चांसलर स्कोल्ज़ संयुक्त रूप से एक बिजनेस कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार 2021 में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 साल पूरे होने का जश्न मनाया था। दोनों देश 2000 से रणनीतिक साझेदार हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा व्यापक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और दोनों सरकारों के लिए आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अवसर होगी।
इसके बाद प्रधानमंत्री डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के निमंत्रण पर आधिकारिक यात्रा पर कोपेनहेगन जायेंगे।
वह डेनमार्क द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री भारत-डेनमार्क व्यापार मंच में भी भाग लेंगे और भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री अन्य नॉर्डिक देशों के नेताओं – आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकोब्स्दोतिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ भी बातचीत करेंगे।
नेताओं के बीच बैठक सामरिक साझेदारी का एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी
शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवाचार और प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, विकसित वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में हुआ था।
प्रधानमंत्री 04 मई को अपनी वापसी यात्रा पर थोड़े समय के लिए पेरिस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे।
भारत और फ्रांस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच बैठक सामरिक साझेदारी का एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी।