नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के खेवराजपुर गांव हत्याकांड मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के चेयरमैन से मुलाकात कर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
दरअसल उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के खेवराजपुर गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद आरोपियों ने घर में आग लगा दी थी। आरोपियों ने बड़ी बेरहमी से हत्या की थी।टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
इस हत्याकांड के बाद टीएमसी ने शनिवार को सांसद डोला सेन, ममता बाला ठाकुर, साकेत गोखले, ज्योत्सना मांडी और ललितेश त्रिपाठी की पांच सदस्यीय फैक्ट्स फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद उस टीम ने खेवराजपुर गांव का दौरा किया, पीड़ितों से मुलाकात कर अब एनएचआरसी चेयरमैन के सामने अपनी मांगे रखी हैं।
टीएमसी ने शुक्रवार को एनएचआरसी को दिए ज्ञापन में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। टीएमसी सदस्यों का दावा है कि पिछले एक महीने में प्रयागराज के उस इलाके में 31 हत्याएं हुई।
पत्र के अनुसार पीड़ित सुनील ने उन्हें बताया कि उसकी पत्नी और बहन के साथ दुष्कर्म किया गया था, जबकि स्थानीय पुलिस ने उसके बयान के मुताबिक शिकायत दर्ज की। यहां तक की प्राथमिकी में भी बलात्कार का जिक्र नहीं था।
जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार रेप का आरोप लगते ही प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। पीड़ितों के परिजनों की शिकायत के बावजूद मामला प्राथमिकी में नहीं रखा गया। आरोप है कि हत्या करने वालों ने परिवार के सदस्यों की ईंट-पत्थर से कुचल कर निर्मम हत्या की गई थी।
खेवराजपुर गांव के दौरा के दौरा करने के बाद तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाया है। टीएमसी प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि पुलिस पूरी तरह से मूकदर्शक बनी हुई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के योगी सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।