खूंटी: खूंटी के ऐतिहासिक मंडा पर्व का समापन मंगलवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर हुआ। इस दौरान महादेव मंडा परिसर में सुबह से शाम तक परंपरागत मंडा मेला का आयोजन हुआ।
मेला परिसर में 30 फीट ऊंचे चरक स्तंभ में लकड़ी की बल्ली के सहारे अनुष्ठान में शामिल भगतियों के झूलन कार्यक्रम को देखने शहर व आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के अतिरिक्त विभिन्न प्रखंडों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा और अटूट विश्वास
मान्यता है कि भगतियों द्वारा फेंके गये फूलों को हाथ में लपकने से सुख-शांति आती है।
उल्लेखनीय है कि पर्व की दीक्षा में शामिल होने के बाद सभी भगतिया गृह त्याग कर अनुष्ठान पूरा होने तक शिवालय व अन्य मंदिरों में वास करते हैं।
इस दौरान फलाहार पर ही निर्भर रहते हैं। इस कड़ी में रविवार रात धुआं-सुआं अनुष्ठान के तहत भक्तों को प्रज्वलित अग्नि के नीचे उल्टा लटका कर झुलाया गया।
सोमवार को जागरण की रात फुलखूंदी अनुष्ठान के तहत दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलकर भोक्ताओं ने भगवान भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा और अटूट विश्वास को व्यक्त किया।