रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर अवैध तरीके से खनन पट्टा लेने के मामले में आंशिक सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान को हाई कोर्ट ने कहा कि खनन पट्टा आवंटन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई अब साथ-साथ होगी।
जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच 17 मई को दोनों मामलों की विशेष रूप से सुनवाई करेगी।
इससे पहले सुनवाई के दौरान आय से अधिक संपत्ति मामले में ईडी ने कोर्ट को बताया कि शैल कंपनी से संबंधित कई दस्तावेज ईडी के पास है, जिसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज कोर्ट को सौंपने की बात कही।
अदालत ने मुख्यमंत्री से माइनिंग लीज मामले में जवाब मांगा था
उल्लेखनीय है कि खनन पट्टा मामले में पिछले सप्ताह सुनवाई नहीं हो पायी थी। तब सरकार पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कोर्ट में माइनिंग लीज मामले में जवाब दाखिल किया था। अदालत ने मुख्यमंत्री से माइनिंग लीज मामले में जवाब मांगा था।
याचिका झारखंड हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी है। प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिम्मे खनन और वन पर्यावरण विभाग भी हैं।
उन्होंने स्वयं पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया और खनन पट्टा हासिल कर लिया। ऐसा करना पद का दुरुपयोग और जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है।
इसलिए पूरे मामले की सीबीआई (CBI) से जांच कराई जाए। प्रार्थी ने याचिका के माध्यम से हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग भी की है।
आय से अधिक संपत्ति मामला में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनके भाई बसंत सोरेन व व्यवसायी अमित अग्रवाल पर भी आरोप है।
इस मामले की सुनवाई भी चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन (Dr. Ravi Ranjan) और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में सूचीबद्ध थी।