रांची: झारखंड में 2012 में बनी प्राथमिक शिक्षक (Primary Teacher) नियुक्ति नियमावली में बदलाव कर दिया गया है।
इसके तहत अब झारखंड में अब शिक्षकों की नियुक्त सहायक आचार्य के नाम से सरकार करेगी। नई व्यवस्था के तहत अब प्रदेश में अभ्यर्थियों को प्राथमिक और मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा देनी होगी।
इसके लिए झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के सफल अभ्यर्थी ही इस परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। जो भी अभ्यर्थी सहायक आचार्य के नाम से जाने जाएंगे उन्हें दस वर्ष की सेवा के बाद सहायक शिक्षक के पद पर प्रोन्नति दी जाएगी।
अलग-अलग परीक्षा लेने की तैयारी
प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की सीधी नियुक्ति हुई थी। इसमें मैट्रिक, इंटर, स्नातक, शिक्षक प्रशिक्षण व झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के अंक के आधार पर मेधा अंक तैयार किया गया था।
इसके आधार पर नियुक्ति की गयी थी। कक्षा एक से पांच व छह से आठ में शिक्षक नियुक्ति के लिए अलग-अलग परीक्षा ली जायेगी।
समय के अनुसार मिलेगी छूट
नियुक्ति के लिए सामान्य ज्ञान, जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा व शैक्षणिक दक्षता की परीक्षा होगी। कक्षा छह से आठ में विज्ञान, भाषा व सामाजिक विज्ञान में से किसी एक की परीक्षा होगी।
परीक्षा के लिए आयु में भी छूट मिलेगी। राज्य में जितने वर्षों के बाद नियुक्ति होगी, उम्र सीमा में उतने वर्ष की छूट मिलेगी। अभ्यर्थियों का झारखंड से मैट्रिक-इंटर पास होना जरूरी है।
आरक्षित वर्ग को इससे दूर रखा गया है। साल 2015-16 में हुई नियुक्ति में भारी गड़बड़ी के चलते नियमावली में अब बदलाव किया गया है।
नियुक्ति प्रक्रिया पद सृजन के बाद शुरू होगी। राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 60 हजार सहायक आचार्य के पद सृजित किये जा रहे हैं। पहले चरण में लगभग 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी।