दुमका: पुलिस ने रानीश्वर में रांगाडीह और नौंरगी बालू घाट (Sand Ghat) से बालू का उत्खनन कर बंगाल भेजने वाले मंसूर आलम उर्फ मंसूर मियां उर्फ तौदिद आलम को शुक्रवार का रात पश्चिम बंगाल के सिउड़ी के सोनातड़पाड़ा स्थित आवास से धर दबोचा।
उसकी गिरफ्तारी छह मार्च को जिला खनन पदाधिकारी के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई है।
शनिवार को उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस उसके सहयोगी मोहम्मद बाजार के कमल खान की गिरफ्तारी का प्रयास में पुलिस जुटी है।
मंसूर का बालू के अवैध उत्खनन में एक छत्र राज था। वह वाहनों की मदद से झारखंड की सीमा से सटे दो बालू घाट में बालू का खनन कराने के बाद बंगाल भेज दिया करता था।
आरोपित बालू माफिया है…
दबंग होने के कारण कोई उस पर हाथ डालने का साहस तक नहीं कर सका। छह मार्च को डीएमओ श्रीकृष्ण किस्कू ने दोनों घाटों का निरीक्षण किया तो पता चला कि मंसूर और उसका साथी यहां पर खनन कराता है।
डीएमओ ने अपने ही बयान पर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार प्रयास किए लेकिन वह चकमा देकर बंगाल भाग जाया था।
शुक्रवार की शाम पुलिस को पता चला कि मंसूर पश्विम बंगाल के सिउड़ी स्थित घर में है। थाना प्रभारी संजय कुमार ने स्थानीय पुलिस की मदद से दबिश देकर उसे घर दबोचा।
इंस्पेक्टर वकार हुसैन का कहना है कि आरोपित बालू माफिया है। दो माह से उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा था लेकिन कार्रवाई होने से पहले निकल जाता था। अब उसके सहयोगी कमल की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।