रांची: झारखंड में गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ पर मंगलवार को कांग्रेस भवन में जश्न मनाया गया। पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह की मौजूदगी में लड्डू खिलाकर और केक काट कर पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा को गठबंधन सरकार ने पूरा किया।
मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में झारखंड पूरे देश में तीसरे नंबर पर है।
लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया और उन्हें खाद्यान्न के अलावा रोजगार भी उपलब्ध कराया गया।
धीरे-धीरे अन्य सारी घोषणाओं और वायदे को भी पूरा करने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है।
सरना धर्म को लागू करने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित करा कर केंद्र सरकार को भेजा गया, जनता की उम्मीदवारों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटना में मौत होने पर मृतक के आश्रित को एक लाख रुपये के मुआवजा का प्रावधान किया है, पशुपालन, बिजली उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर काम किये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार जो कहती है, वह करती है, यह सिद्ध हुआ
आरपीएन सिंह ने कहा कि हर राज्य की कुछ ने कुछ विशेषता होती है। झारखंड में खेल के क्षेत्र में असीम संभावनाएं है।
झारखंड को स्पोर्ट्स स्टेट के रूप में विकसित करने की योजना है।
एक सवाल के जवाब में आरपीएन सिंह ने कहा कि कांग्रेस कोटे से सरकार में शामिल चारों मंत्रियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्तिमंत्री रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में कोरोना काल में जिस तरह से हर जरुरतमंद परिवार को अनाज उपलब्ध कराया गया और अब 15 लाख लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।
उसकी देशभर में प्रशंसा हुई। वहीं विधायक दल के नेता नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के नेतृत्व में ग्रामीण विकास तथा मनरेगा योजनाओं के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीण विकास के कार्यां को भी गति देने का प्रयास किया।
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के प्रयास से ही किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ किया गया और अब किसानों के लिए कई नयी योजनाओं की शुरुआत की गयी है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मार्गनिर्देशन में स्वास्थ्य विभाग ने इतने बेहतर तरीके से काम किया। कोरोना संकट पर काबू पाने के साथ ही समुचित जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी और किसी भी तरह की मुश्किल की स्थिति पैदा नहीं होने दी।
केंद्र सरकार के रवैये पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में आरपीएन सिंह ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों और खासकर झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के साथ केंद्र सरकार का रवैया नाकारात्मक रहा।
इसके बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों की मदद से जन कल्याण के लिए उल्लेखनीय कार्य किये, जिसकी आज देशभर में प्रशंसा हो रही है।
आरपीएन सिंह ने कहा कि वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की भाजपा नेताओं ने अपने जनता के साथ विश्वासघात किया।
कभी भी केंद्र सरकार से राज्य की हो रही उपेक्षा पर कभी भी ना कोई संवाद किया और न कोई चर्चा की। साथ ही न ही राज्य की सहायता के लिए किसी प्रकार की सहयोग मांगा।