नई दिल्ली: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को समाप्त करने तथा बीच का रास्ता निकालने के लिए आज सरकार और किसानों के बीच वार्ता होनी है।
उम्मीद है कि छठे दौर की इस बातचीत से समाधान निकलेगा।
हालांकि वार्ता से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी के ‘असत्याग्रह’ के लंबे इतिहास के कारण आज किसानों को उन पर भरोसा नहीं है।
किसानों का आंदोलन इसी अविश्वास का नतीजा है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूर्व की घोषणाओं को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पहले तो हर बैंक खाते में 15 लाख रुपये हस्तांतरित करने का सपना दिखाया गया।
फिर हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया गया।
इसके बाद जनता से 50 दिन की मुहलत मांगी गई कि सब ठीक किया जाएगा लेकिन आखिर हुआ क्या। पीएम के सभी वादे और घोषणाएं छलावा साबित हुईं।
राहुल गांधी ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर भी प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया।
उन्होंने कहा कि जब विपक्ष कोरोना को लेकर सरकार को सचेत करने में लगा था तो केंद्रीय मंत्री और खुद प्रधानमंत्री मोदी उनका मजाक उड़ाने में लगे थे।
फिर घोषणा की गई कि 21 दिनों में कोरोना के खिलाफ युद्ध जीतेंगे लेकिन क्या यह हो पाया।
इसके बाद लद्दाख में पड़ोसी देश से बिगले हालात पर ही सरकार की ओर से असत्याग्रह किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि न तो हमारे क्षेत्र में किसी ने घुसपैठ की है और न ही कोई करेगा जबकि हकीकत आज सबके सामने हैं।
पीएम मोदी के झूठ के लंबे इतिहास के कारण ही आज किसान भी सरकार के वादे और घोषणाओं की सच्चाई को जान चुके हैं और उन पर भरोसा नहीं करते हैं।