कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बड़ी संख्या में रहने वाले मतुआ समुदाय की बहुप्रतीक्षित नागरिकता का सपना पूरा होने वाला है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बंगाल इकाई ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि जनवरी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल आएंगे। उसी दौरान वह यहां नागरिकता अधिनियम लागू करने के बारे में घोषणा करेंगे।
प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता व सांसद शांतनु ठाकुर ने आज यहां मीडिया को यह जानकारी दी।
बताया गया है कि पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान वह उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय से मुलाकात करेंगे। इस दौरे के दौरान वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने की घोषणा कर सकते हैं।
हाल में बंगाल दौरे के दौरान अमित शाह ने कहा था कि कोविड-19 के कारण सीएए क्रियान्वयन में विलंब हो रहा है।
उसके बाद राज्य के मतुआ समुदाय में असंतोष देखा गया था।
बनगांव लोकसभा इलाके के मतुआ समुदाय के भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने भी नाराजगी जताई थी।
बुधवार को बीजेपी के हेस्टिंग्स स्थित पार्टी कार्यालय में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, दासगुप्ता और ठाकुर ने साफ कर दिया कि शीघ्र ही सीएए लागू किया जाएगा।
ठाकुर ने कहा, ” केंद्रीय गृह मंत्री 19 या 20 जनवरी आएंगे। वह ठाकुरनगर जाएंगे। शरणार्थी समाज को संबोधित करेंगे।
वर्तमान सरकार ने सीएए कानून बनाया, तो अब वह इस कानून को क्यों लागू नहीं करेगी ?
” उन्होंने कहा कि इसे लेकर मतुआ महासंघ ने आशंका जताई थी।
इस कारण उन्होंने मतुआ समुदाय के साथ बैठक की थी। अब खुद गृह मंत्री बताएंगे कि सीएए कब लागू होगा।
ममता शासन में उपेक्षित रहे लोग
उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा, “मतुआ समुदाय नेता और लोग वाम व तृणमूल शासन में राजनीति के शिकार हुए वोट की राजनीति के कारण मतुआ समुदाय के साथ अच्छे संपर्क रखे, लेकिन कभी भी उनका कल्याण नहीं किया।
माकपा, तृणमूल और कांग्रेस बंगाल में मुस्लिम घुसपैठियों को राज्य में रहने की व्यवस्था की थी, जबकि नामशूद्र को प्रताड़ित किया। पश्चिम बंगाल अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग उपेक्षा के शिकार हुए हैं।
ममता बनर्जी ने 2011 में सत्ता में आने के बाद कभी भी उनका उपकार नहीं किया। पिछले 10 वर्षों के दौरान ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय के लिए कोई भी काम नहीं किया।”
मुकुल रॉय ने कहा, “केंद्र सरकार ने सीएए पारित कर मतुआ समुदाय को नागरिकता देने की पहल की, लेकिन ममता बनर्जी ने इस कानून का विरोध किया।
भाजपा सरकार ने उज्जवला योजना सहित कई योजनाएं शुरू कीं, जिससे इस समुदाय के लोग लाभान्वित हुए हैं।
केंद्र सरकार कानून लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोरोना के कारण इसमें विलंब हुआ। शीघ्र ही इस कानून को क्रियान्वित किया जाएगा। “
उन्होंने यह भी घोषणा की कि बनगांव ठाकुरनगर प्लेटफार्म स्टेशन एडेड स्टेशन है। उसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म बनाया जाएगा।