कोलकाता: एक तरफ पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है, दूसरी और बुधवार को राज्यपाल ने एक बार फिर कानून व्यवस्था की बदहाली पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा है कि बंगाल में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव नहीं होते। धनखड़ ने कहा कि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि बंगाल के लोगों को मतदान प्रक्रिया में भयमुक्त माहौल में हिस्सा लेना सुनिश्चित करें।
कोलकाता में एक मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद राज्यपाल ने मीडिया के सवालों के जवाब के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा, “मुझे इस बात की चिंता नहीं कि कौन किसे वोट करेगा, चिंता बस इस बात की है कि लोग मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर सकें।”
उन्होंने सरकारी मशीनरियों से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान निष्पक्ष तरीके से काम करने की भी अपील की।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को तृणमूल सांसद शुभेंदु शेखर रॉय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर जगदीप धनखड़ को बंगाल के राज्यपाल पद से हटाने की मांग की है।
रॉय ने आरोप लगाया कि धनखड़ इस संवैधानिक पद के लायक नहीं हैं।