चंडीगढ़: भारतीय सशस्त्र बलों में अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) लागू करने के एनडीए सरकार के फैसले की निंदा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को देश के व्यापक हित में अपने फैसले को वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा, कृषि के बाद यह युवाओं पर एक गंभीर हमला है, जो अनुचित और अवांछनीय है। यह उन पंजाबी युवाओं के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है, जो सेना में शामिल होकर अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय देश में दयनीय स्थिति को दर्शाता है, क्योंकि सत्ता में पार्टी अपने युवाओं की परवाह किए बिना लापरवाही से देश चला रही है।
पार्टी अपने युवाओं की परवाह किए बिना लापरवाही से देश चला रही
उन्होंने कहा कि इस नासमझ फैसले ने देश में उबाल ला दिया है, क्योंकि देश के युवा केंद्र के इस गैरजिम्मेदाराना कदम के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
मान ने कहा कि उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) इस कदम का पुरजोर विरोध करती है, जो युवाओं को जीवन भर देश की सेवा करने के अवसर से वंचित करती है।उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने पिछले दो साल में एक भी युवा को सेना में नहीं रखा है।
मान ने कहा कि यह भारतीय सेना (Indian Army) का सरासर अपमान है, जिनके पास वीरता, बलिदान और निस्वार्थ सेवा के साथ देश की सेवा करने की गौरवशाली विरासत है।