रांची: झारखंड हाई कोर्ट से बुधवार को IAS मेघा भारद्वाज (Megha Bharadwaj) को राहत मिली है। अदालत ने उनके ख़िलाफ विभागीय कार्रवाई और जुर्माने के आदेश को निरस्त कर दिया है।
मेघा भारद्वाज की प्रथम पोस्टिंग (प्रोबेशन) गिरिडीह के अंचल अधिकारी के रूप में हुई थी। यहां आलोक रंजन नाम के व्यक्ति ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी लेकिन इन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं हुई थी।
राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश में है बहुत सी त्रुटियां
इसके बाद आलोक रंजन ने हाई कोर्ट (High Court) में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए पूर्व में राज्य सूचना आयोग ने आदेश पारित कर 25 हजार रुपये जुर्माना और विभागीय कार्रवाई करने का आदेश पारित किया था।
आदेश के ख़िलाफ मेघा भारद्वाज ने हाई कोर्ट में रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। मेघा भारद्वाज वर्तमान में DDC पलामू के पद पर पदस्थापित हैं।
राधा कृष्ण गुप्ता और पिंकी साव ने न्यायालय के समक्ष मेघा भारद्वाज का पक्ष रखते हुए बताया कि राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश में बहुत सी त्रुटियां है।
मांगी गई सूचना समय से उपलब्ध करा दिया गया था। अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता और पिंकी साव के बहस से संतुष्ट होकर न्यायाधीश जस्टिस डॉ एसएन पाठक (Justice Dr SN Pathak) की कोर्ट ने मेघा भारद्वाज की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश को निरस्त कर दिया है।