हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehad-ul Muslimeen) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पिछले आठ साल से हिंदुत्व राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
हैदराबाद के सांसद ओवैसी का मानना है कि मॉल लिंचिंग (mall lynching) की घटना, तीन तलाक पर प्रतिबंध, मस्जिदों की धार्मिक पहचान को परिवर्तित करने की कोशिश और उत्तर प्रदेश तथ मध्य प्रदेश में मुस्लिमों के घरों को ध्वस्त करने में बुलडोजर का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपने एजेंडे को लागू कर रहे हैं।
ओवैसी ने कहा…
ओवैसी (Owaisi) कहते हैं कि हिंदुत्व एक अलग धारणा है और देश के संविधान तथा संस्कृति के लिए खतरा है। उनके मुताबिक, हिंदुत्व समानता पर भरोसा नहीं करता है और यह एक राष्ट्र-एक धर्म की बात करता है।
ओवैसी ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का विचार हिंदु प्रभुत्व पर आधारित है और इसका मतलब है कि जो हिंदृ नहीं हैं, उनका शोषण या दमन किया जाए।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी, जब से केंद्र में आए हैं, तब से धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने की और देश को हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि अगर देश में धर्मनिरपेक्षता (secularism) का अंत होता है तो इससे देश की पूरी अवधारणा की कमजोर हो जाएगी।
इस देश को विविधता और अनेकता ने मजबूती दी है। ओवैसी ने कहा कि वह देश की इस प्रकृति की रक्षा के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, हमारी लड़ाई एक मजबूत समावेशी भारत के लिए है जहां सभी भारतीयों के अधिकार सुरक्षित हों और संवैधानिक मूल्य सर्वोपरि हों।
यह लड़ाई न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए है। हम मूक दर्शक नहीं बन सकते क्योंकि भारत इस हिंदुत्व परियोजना से कमजोर और नष्ट हो रहा है।
ओवैसी ने 2014 में भाजपा (BJP) के सत्ता में आने के बाद हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, उन्होंने मोहम्मद अखलाक, पहलू खान, रकबर, हाफिज जुनैद आदि को मार डाला।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में दादरी के पास एक गांव में गोहत्या के संदेह में भीड़ द्वारा मोहम्मद अखलाक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसी तरह 2017 और 2018 में अलग-अलग घटनाओं में अन्य लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया था।
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी भी हिंसा की निंदा नहीं की और इसके विपरीत ऐसे तत्वों को प्रोत्साहित किया।
ओवैसी ने पहले कहा था कि मुसलमानों की लिंचिंग नाथूराम गोडसे की हिंदुत्व विचारधारा (Hindutva ideology) का परिणाम है। उन्होंने ट्वीट किया, कायरता, हिंसा और हत्या का गोडसे की हिंदुत्ववादी सोच से अटूट संबंध है।
ओवैसी का कहना है कि लिंचिंग करने वालों को गाय और भैंस के बीच का अंतर भी नहीं पता होगा, लेकिन अखलाक, पहलू, रकबर और जुनैद के नाम मारने के लिए पर्याप्त थे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, यह नफरत हिंदुत्व की उपज है। इन अपराधियों को हिंदुत्व सरकार का समर्थन प्राप्त है।
मुस्लिम नेता ओवैसी ने आरो लगाते हुए कहा कि हिंदुत्व संगठनों (Hindutva organizations) की एक संस्कृति है, जहां हेट स्पीच और अतिवाद को बढ़ावा दिया जाता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उदाहरण दिया, जो पहले लोकसभा सांसद रहे और बाद में उन्हें मुख्यमंत्री के पद से नवाजा गया।
उन्होंने कहा, हेट स्पीच देने वालों को इसी तरह पुरस्कृत किया गया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को 2002 के गुजरात दंगों के बाद एक वर्ग में प्रमुखता मिली थी, जब वह उस राज्य के मुख्यमंत्री थे।
सांसद ने खुद पर किए गए हमले का जिक्र करते हुए कहा, वास्तव में जिन लोगों ने मुझे गोली मारने की कोशिश की, उन्होंने स्वीकार किया था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि वे प्रमुख हिंदुत्ववादी नेता बन सकें।
गत फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) में प्रचार करने के बाद जब ओवैसी दिल्ली लौट रहे थे, तब दो लोगों ने उनकी कार पर गोलियां चलाई थीं।
उन्होंने कहा कि एक दिन निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा भाजपा की पोस्टर गर्ल बनेंगी। उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जाता है।