नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Chairman Mukesh Ambani) और उनके परिवार को दी गई सुरक्षा के खिलाफ एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए त्रिपुरा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय के एक अधिकारी को उसके सामने पेश होने को कहा था।
सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) ने मुकेश अंबानी और उनके परिवार को केंद्र द्वारा खतरे की धारणा के मूल्यांकन के बाद महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने के लिए त्रिपुरा उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली एक अवकाश पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया।
केंद्र की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई
मेहता ने कहा, हमने हाईकोर्ट को बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा कि अंबानी को प्रदान की गई सुरक्षा का त्रिपुरा सरकार (Tripura Government) से कोई लेना-देना नहीं है और उच्च न्यायालय के पास जनहित याचिका पर विचार करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था।
मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के एक अधिकारी को खतरे की आशंका से संबंधित दस्तावेजों के साथ पेश करने की भी मांग की है।
पीठ ने मेहता से पूछा कि यह अंतिम आदेश है या अंतरिम आदेश। उन्होंने जवाब दिया कि यह एक अंतरिम आदेश है।
संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत (court) मंगलवार को केंद्र की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई।