नई दिल्ली: एलपीजी सिलेंडर (LPG cylinder) पर लोगों को बड़ी राहत दी है। पिछले कई महीनों से इसमें हो रही बढ़ोतरी के बाद अब इसके दाम में भारी कटौती की गई है।
विभिन्न शहरों के नाम रेट (Rate) एक जुलाई से लागू भी कर दिए गए हैं। देश की राजधानी में इसके दाम में 198 रुपए की गिरावट दर्ज की गई है।
इसके अलावा कोलकाता में भी 182 रुपए सिलेंडर सस्सा हुआ है तो आर्थिक राजधानी मुंबई में 190.50 रुपए की कमी आई है।
दक्षिण भारत की बात करें तो यहां चेन्नई में 187 रुपए सिलेंडर सस्ता हुआ है। पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल ने कॉमर्शियल सिलेंडर (commercial cylinder) के रेट में यह कटौती की है।
जबकि घरेलू एलपीजी सिलेंडर उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली है। 14.2 किलो वाले घरेलू सिलेंडर न सस्ता हुआ है और न ही महंगा। यह अब भी 19 मई वाले रेट से ही मिल रहा है।
मई में लगा था झटका
बता दें जून में इंडेन का कामर्शियल सिलेंडर 135 रुपये सस्ता हुआ था, जबकि मई में घरेलू एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ताओं को दो बार झटका लगा था।
घरेलू सिलेंडर (domestic cylinder) के रेट महीने में पहली बार 7 मई को 50 रुपये बढ़ाए गए थे और 19 मई को भी घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में वृद्धि की गई ।
शहरवार 14.2 किलो वाले सिलेंडर के रेट
दिल्ली 1,003, मुंबई 1,003, कोलकाता 1,029, चेन्नई 1,019, लखनऊ 1,041, जयपुर 1,007, पटना 1,093, इंदौर 1,031, अहमदाबाद 1,010, पुणे 1,006, गोरखपुर 1012, भोपाल 1009, आगरा 1016, रांची 1061 है।
एक साल में 168.50 रुपये महंगा हुआ घरेलू सिलेंडर
दिल्ली में पिछले एक साल में घरेलू एलपीजी सिलेंडर का रेट 834.50 रुपये से बढ़कर 1003 रुपये पर पहुंच गया है।
14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट में आखिरी बार 4 रुपये की बढ़ोतरी 19 मई 2022 को हुई थी। इससे पहले दिल्ली में 7 मई को रेट 999.50 रुपये प्रति सिलेंडर था।
22 मार्च 2022 के रेट 949.50 रुपये के मुकाबले सात मई को एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये महंगा हुआ था। 22 मार्च को भी सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की उछाल आई थी।
इससे पहले अक्टूबर 2021 से फरवरी 2022 तक घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट दिल्ली में 899.50 रुपये पर टिके थे।
बता दें कि पिछले लंबे समय से गैस कंपनियां घरेलू सिलेंडर पर रेट कम नहीं कर रही हैं। इससे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
दिनोंदिन बढ़ती महंगाई के चलते आम आदमी की कमर टूटती जा रही है। लेकिन सरकार (government) इस पर ध्यान देने की बजाय इसमें बढ़ोतरी ही करती जा रही है