न्यूज़ अरोमा रांची: नए वर्ष 2021 की शुरुआत जब सभी अपने-अपने तरीके से जश्न मना कर रहे हैं, उस वक्त झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में नई दिल्ली के समीप सिंघु बॉर्डर पहुंचे।
कृषि मंत्री ने नये साल की शुरुआत आंदोलनकारी किसानों का साथ लेकर किया और पूरी रात किसानों के बीच ही बितायी।
रांची से गुरुवार देर शाम नई दिल्ली पहुंचे देर रात कृषि मंत्री बादल सिंघु बॉर्डर पहुंचे और वहां पहुंचकर उन्होंने आंदोलनरत किसानों का मनोबल बढ़ाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार और कांग्रेस पार्टी का नैतिक समर्थन किसानों के साथ है और वे इस आंदोलन में पूरी तरह से किसानों के साथ है।
केंद्र सरकार अविलंब किसानों की मांग पूरी करें। बादल ने देर रात तक किसानों के साथ कृषि के विकास को लेकर चर्चा की और यह भरोसा दिलाने का काम किया।
झारखंड सरकार किसानों के उत्थान, विकास और उनकी आय दोगुनी करने के लिए दिन-रात प्रयासरत है।
दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहरी के बीच कृषि मंत्री भी अन्य सभी साधारण किसानों की तरह आग तापते नजर आये।
वहीं टेंट में बिछाये गये बिस्तर पर ही सोकर कुछ देर के लिए नींद भी पूरी की।
शुक्रवार को भी बादल ने किसानों के साथ चर्चा की। एम्स में भर्ती विभागीय सचिव की बच्ची को देखने भी पहुंचे
मंत्री बादल ने नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कृषि विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी की बच्ची की तबीयत का हाल जानने भी पहुंचे। उन्होंने चिकित्सकों से बातचीत कर बच्ची का हाल जाना।
बादल ने कहा कि झारखंड में कृषि ऋण माफी जैसे महत्वपूर्ण फैसले को लेकर कृषि सचिव की गंभीरता देखते ही बनती थी।
सरकार के एक साल पूरे होने पर जब कृषि ऋण माफी की घोषणा होनी थी उस वक्त विभाग के सचिव दिल्ली में अपनी बच्ची का इलाज करा रहे थे।
सरकार ने जब कृषि ऋण माफी को लेकर निर्णय लिया तो उस निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए कृषि सचिव सहित हमारी पूरी टीम ने दिन रात मेहनत किया, जिसके फलस्वरूप राज्य सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर किसानों को यह तोहफा दे पाए।
उन्होंने कहा कि झारखंड के किसानों और आम जनता की दुआओं का असर होगा कि जल्द ही बच्ची सकुशल घर वापस पहुंचेगी।
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पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने इस आशय की जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि कृषि मंत्री लगातार सिर्फ और सिर्फ किसानों के लिए ही सोचते हैं।
इसी सोच का परिणाम है कि उन्हांने एक तरफ झारखंड के किसानों को कृषि ऋण माफी जैसी सौगात दी।
वहीं दूसरी तरफ वह साल 2020 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे।
दिल्ली पहुंचकर वे सीधे सिंधु बॉर्डर के पास किसानों के चल रहे उग्र आंदोलन में शरीक होने देर रात पहुंच गए।
कृषि मंत्री ने पूरी रात आंदोलनरत किसानों के साथ गुजारी। बादल ने कहा कि हम अपने घर में नया साल अच्छे से मनाएं और हमारे किसान देश स्तर पर आंदोलन करें यह कहीं से उचित नहीं है।
किसानों के साथ दिल्ली के कड़ाके की ठंड में बादल ने पूरी रात गुजारी।
रात 12 बजे जब पूरा देश जश्न में डूबा था उस वक्त कृषि मंत्री बादल सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ टेंट में नया साल मना रहे थे।
केंद्र सरकार के किसानों को लेकर आए फरमान के विरोध में पूरा देश आज उबल रहा है। यह बातें बादल ने कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ देश के सभी किसान हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को किसानों का सम्मान करते हुए उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है।
किसान हमारे अन्नदाता है और इनके साथ यदि अन्याय होगा तो वह किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं है।
कृषि मंत्री ने आंदोलन कर रहे किसानों के लिए खुद भोजन किसानों के साथ मिलकर बनाने का भी काम किया। बादल के साथ राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवासन और महासचिव भैया जी पवार भी मौजूद थे।