नई दिल्ली: पिछले कई साल से लोगों का पैसा दबाए बैठे सहारा इंडिया (Sahara India) ने अब लोगों का पैसा लौटने का ऐलान किया है। उसने इस संबंध एक पत्र भी जारी किया है। इस खबर के बाद से लोगों में खुशी है।
हालांकि अब भी सहारा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। लोग सरकार पर भी पैसा वापस दिलाने का दबाव (People pressurize the Government to get the Money Back) लगातार बना रहे हैं।
बहरहाल अब सहारा इंडिया समूह में देश के लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का पैसा फंसा हुआ है। साल 2013 में जब मार्केट नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने सहारा समूह (Sahara Group) को पैसों के लेनदेन करने से रोका था, तब से ही सभी इन्वेस्टर्स अपने पैसों को वापस पाने के लिए धैर्य बनाए हुए हैं। 2013 से अब तक लाखों लोग सहारा के ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं।
लेकिन उनका पैसा उन्हें वापस नहीं मिल पा रहा है। पैसे की वापसी की आस लगाए इन्वेस्टर्स के लिए एक खबर अच्छी आई है।
SEBI के पास सहारा का 25 हजार करोड़ पड़ा है
सहारा इंडिया परिवार (Sahara India Pariwar) ने हाल ही में जारी एक बयान में कहा कि सेबी के पास हमारे 25,000 करोड़ रुपए रखे हैं और पिछले नौ वर्षो में एजेंसी ने कुछ इनवेस्टर्स को 125 करोड़ रुपए ही वापस किया है।
सेबी का यह रवैया ना तो तर्कसंगत और ना ही उचित। सेबी को लोगों के हित में काम करना चाहिए।
सहारा ने कहा कि सेबी को या तो निवेशकों को भुगतान करना चाहिए या पैसे सहारा समूह को लौटा देना चाहिए ताकि सहारा परिवार लोगों को पैसा लौटा सकें। सहारा परिवार लगातार सेबी से लोगों के पैसे लौटाने की अपील करता रहा है।
नौ साल से जब्त है पैसा
सहारा ने अपने बयान में बताया कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही सहारा ने 25,000 करोड़ रुपए ब्याज समेत सेबी के पास जमा करा दिए थे।
यह विडम्बना है कि यह धन पिछले 9 वर्षो से सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है। सहारा ने कहा कि पाबंदियों के कारण हम हम कंपनी के संपत्ती को बेचकर या गिरवी रख कर भी निवेशकों को पैसा वापस नहीं कर सकते।
बयान में कहा गया है कि सभी परिस्थितियों के बावजूद सहारा भुगतान तो कर रहा है लेकिन भुगतान में ज्यादा समय लग रहा है। सहारा ने जारी स्टेटमेंट (Sahara issued statement) में कहा है कि निवेशक सेबी के गैर जिम्मेदाराना रवैये का शिकार हो रहा है।
एक ओर सेबी ने सहारा के 25,000 करोड़ रुपए निवेशकों के हित के नाम पर अपने पास जब्त कर रखा है और उसके बाद सेबी ने मार्च, 2018 में स्टेटमेंट दिया था कि एजेंसी जुलाई, 2018 के बाद किसी भी निवेशक को भुगतान नहीं करेगी। सहारा ने कहा कि सेबी के फैसले से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।