रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने शुक्रवार को खेलगांव स्थित डॉ रामदयाल मुंडा कला भवन में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) की सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से अनुशंसित 252 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। नियुक्ति पत्र मिलते ही अभ्यर्थियों के चेहरे खिल उठे।
मुख्यमंत्री ने सभी सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों (Newly appointed office bearers) को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन आपके लिए खुशी और संकल्प लेने का दिन है।
आपको नई जिम्मेदारी मिल रही है। हमारा राज्य विकास के क्षेत्र में कैसे अग्रणी बने, इसमें आपकी अहम जिम्मेदारी होगी। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि हम आपका ख्याल रखेंगे आप हमारे राज्य का ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के साथ जुड़कर आप अपने कर्तव्य को निभाने के लिए तैयार रहें। युवा अधिकारियों (young officers) से राज्य की जनता को काफी उम्मीदें हैं।
ऐसे में राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए हम सभी को मिल-जुल कर पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास करना है। सोरेन ने कहा कि अलग राज्य के रूप में झारखंड के बने दो दशक से जादा हो गए लेकिन कभी नियुक्ति नियमावली (Appointment manual) नहीं बन पाई। हमारी सरकार ने ना सिर्फ नियुक्ति नियमावली बनाई, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से खाली पदों को भरने का अभियान भी शुरू किया है जो जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अधिकारियों के प्रमोशन का भी मामला लंबे समय से लंबित था। हमारी सरकार अधिकारियों अब प्रमोशन दे रही है।
प्रमोशन मिलने से जहां अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा, वहीं निचले स्तर पर जो पद खाली होंगे, उस पर नई नियुक्ति का रास्ता भी साफ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा (Combined Civil Services Exam) की तुलना में सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में चार गुना ज्यादा अभ्यर्थी थे।
आवेदन शुल्क को 600 रुपये से कम कर 100 रुपये किया
ऐसे में हमने परीक्षा के सफल आयोजन के लिए चार गुना ज्यादा परीक्षा केंद्र बनाया। सबसे अहम बात है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया पहले की तुलना में चार गुना कम समय (251 दिनों) में पूरा कर एक नया कीर्तिमान बनाया।
अब अंतिम परिणाम जारी होने के महज 38 दिनों के अंदर सभी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में बीपीएल श्रेणी के 32 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। यह इस बात का परिचायक है कि JPSC की परीक्षाओं में अब पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती जा रही है।
उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद झारखंड को नई दशा और दिशा देने के लिए सकारात्मक सोच (Positive thinking) के साथ पहल नहीं हुई, जिसका खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ रहा है। गरीब राज्यों की श्रेणी से निकलकर झारखंड अग्रणी राज्यों में कैसे शुमार हो, यह हम सभी संकल्प लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा गरीब युवा सिविल सेवाओं की परीक्षा में शामिल हो सकें और उन पर परीक्षा शुल्क का भारी बोझ नहीं पड़े, इसके लिए सरकार ने आवेदन शुल्क को 600 रुपये से कम कर 100 रुपये और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (SC-ST) के लिए परीक्षा शुल्क को 150 रुपये से कम कर 50 रुपये किया गया।
प्रोबेशन पदाधिकारी के 17 पदों पर नियुक्ति हुई
उल्लेखनीय है कि JPSC ने सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा के लिए 8 फरवरी, 2021 को अधिसूचना जारी की थी। 252 पदों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 15 फरवरी से 15 मार्च तक चली थी।
प्रारंभिक परीक्षा 19 सितंबर, 2021 को ली गई थी। मुख्य परीक्षा इस वर्ष 11-13 मार्च को हुई थी। मेंस का परिणाम 30 अप्रैल को जारी हुआ था ।
मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 9 से 16 मई के बीच हुआ था। अंतिम परिणाम 31 मई को जारी किया गया था। सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा के जरिए झारखंड प्रशासनिक सेवा 44, झारखंड पुलिस सेवा के 40, जिला समादेष्टा के 16, कारा अधीक्षक के दो, सहायक नगर आयुक्त के 65, झारखंड शिक्षा सेवा के 41, अवर निबंधक के 10, सहायक निबंधक -कृषि पशुपालन एवं सहकारिता के 6, सहायक निदेशक- सामाजिक सुरक्षा के दो, नियोजन पदाधिकारी के नौ और प्रोबेशन पदाधिकारी के 17 पदों पर नियुक्ति हुई है।
समारोह में मंत्री जगरनाथ महतो, सत्यानन्द भोक्ता और बादल ने भी नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके सरकार की सेवा में आने से राज्य के विकास को नई दिशा मिलेगी।
जनता की समस्याओं का समाधान होगा । आपसे इस राज्य को काफी उम्मीदें हैं।
इस मौके पर प्रभारी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, कार्मिक विभाग की प्रधान सचिव वंदना डाडेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार (Vinay Kumar, Secretary to the Chief Minister) सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।