दिन भर इयरफोन, हेडफोन या इयर बड्स (Earphones, Ear Buds or Headphones) से तेज आवाज में गाने सुनने से कान खराब होने लगते हैं। कान की संरचना बेहद नाजुक होती है। ऊंचे आवाज में गाने सुनने या दिन भर इयरफोन (Earphones) लगाए रहने से सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है।
आइए जानते हैं इयरफोन का इस्तेमाल कब और कैसे करना चाहिए।
आवाज रखें धीमा
Earphones, Earbuds का बास 90 डेसिबल से ज्यादा है तो इसे ज्यादा देर इस्तेमाल करने से कान के सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।130 डेसिबल से ऊपर आवाज होने पर कान में दर्द होता है। ज्यादा बास वाले इयरफोन का वाइब्रेशन ज्यादा होता है इससे कान के पर्दे पर धमक की वजह से नुकसान पहुंचता है।
ज्यादा बास वाले इयरफोन के वाइब्रेशन से कान के पर्दे को नुकसान पहुंचता है।
एक स्टडी में पता चला कि लंबे समय तक 90 से 100 डेसिबल तक की आवाज से शोर-प्रेरित श्रवण दोष (Noise-Induced Hearing Impairments) का खतरा होता है। इसमें ऊंची आवाज की वजह से कान की अंदरुनी संरचना खराब हो जाती है।
Earphone मांगने की आदत छोड़ें
Earphones इयर बड्स या हेडफोन (Earphones, Ear Buds or Headphones) की शेयरिंग से कान में बैक्टीरिया या फंगस की वजह से दर्द और कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर देते भी हैं तो इसे खुद इस्तेमाल करने से पहले सैनिटाइजर से सैनिटाइज करें।
Earphones शेयर करने से कान में इन्फेक्शन हो जाता है।
Earphones शेयर करने से कान में इन्फेक्शन हो जाता है।
कितनी देर करें इयरफोन इस्तेमाल
जितना कम हो सके उतना कम इयरफोन इस्तेमाल करें। प्रोफेशन की वजह से इयरफोन या हेडफोन इस्तेमाल करना पड़ता है, तो बेहद कम आवाज में और कम समय के लिए इसे इस्तेमाल करें।
हो सके तो स्पीकर यूज (Speaker Use) करें ताकि कान खराब होने से बचा रहे। कभी भी 50 मिनट से ज्यादा लगातार हेडफोन, इयर बड्स या इयरफोन लगातार ना लगाएं। एक बार कान में कोई दिक्कत हो गई तो किसी भी सर्जरी से या किसी भी तरह इसे ठीक नहीं किया जा सकता है।