Income Tax Saving: अगर आपकी सलाना सैलरी 10 लाख रुपये है और अपको अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा टैक्स (TAX) के रूप देना पड़ता है। तो ये गलत है।
Tax हर किसी को देनी चाहिए लेकिन अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा नहीं। अगर आपकी सैलरी पैकेज 10.5 लाख रुप है तब भी आपको टैक्स के रूप में 1 रुपया नहीं देना पड़ेगा। आइए जानते हैं पूरा गणित…
ये है पूरा गणित
1. अगर आपकी सैलरी 10.5 लाख रुपये है तो सबसे पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के रूप में सरकार की तरफ से दिए जाने वाले 50 हजार को घटा दीजिए। इस तरह अब आपकी टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये रह गई।
2. अब 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये क्लेम कर सकते हैं। इसमें आप बच्चों की ट्यूशन फी, पीपीएफ (PPF), एलाईसी (LIC), ईपीएफ (EPF), म्यूचुअल फंड (ELSS), होमलोन का मूलधन आदि को क्लेम कर सकते हैं। इस तरह यहां पर आपकी टैक्सेबल इनकम 8.5 लाख रुपये रह गई।
3. 10.5 लाख की सैलरी पर टैक्स शून्य (0) करने के लिए आपको 80CCD (1B) के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत 50 हजार का निवेश करना होगा। इस तरह आपकी टैक्सेबल सैलरी 8 लाख रुपये रह गई।
4. अब इनकम टैक्स की धारा 24B के तहत दो लाख रुपये के होम लोन ब्याज पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। इस तरह अब आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 6 लाख रुपये रह गई।
5. इनकम टैक्स (Income Tax) के सेक्शन 80D के तहत आप अपने परिवार (पत्नी और बच्चों) के लिए 25 हजार रुपये के मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं।
इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए दिए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 50 हजार का क्लेम कर सकते हैं। कुल 75 हजार के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) को क्लेम करने के बाद आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 5.25 लाख रह गई।
6. अब आपको अपनी टैक्सेबल इनकम 5 लाख पर लाने के लिए 25 हजार रुपये किसी संस्था या ट्रस्ट को डोनेट करने होंगे। इसे आप आयकर की धारा 80G में क्लेम कर सकते हैं। 25 हजार का चंदा देने पर आपकी टैक्सेबल इनकम घटकर 5 लाख रुपये पर आ गई।
जीरो टैक्स
अब आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये रह गई. 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत के हिसाब से आपका टैक्स 12,500 रुपये बनता है। लेकिन सरकार (Government) की तरफ से इस पर छूट है. ऐसे में आपकी टैक्स देनदारी जीरो हुई।