रांची: राजधानी के डोरंडा के दर्जी मोहल्ला में 24 अप्रैल 2013 को एक बच्ची के साथ दुष्कर्म (Rape) के बाद हत्या (बहुचर्चित परी दुष्कर्म और हत्याकांड) मामले में पॉक्सो अदालत ने फैसला सुनाया है।
पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल की कोर्ट ने मामले में मोहम्मद शाहिद अख्तर व शहजादी खातून को दोषी करार दिया है। अब अदालत दोनों दोषियों की सजा की बिंदु पर 19 जुलाई को सुनवाई करेगी।
दोनों ही दोषी मृतका के रिश्तेदार हैं और ट्रायल (Trial) में यह बात सामने आयी कि अपने अवैध संबंध को छुपाने के लिए उन्होंने परी की जान ले ली थी।
घटना के करीब 7 साल बाद आरोपियों तक पहुंच पाई थी पुलिस
अदालत ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत किये गए वैज्ञानिक साक्ष्य, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के साथ साथ गवाहों के द्वारा ट्रायल के दौरान दिए गए बयान के आधार पर अपना फैसला सुनाया है।
घटना होने के करीब 7 साल बाद आरोपियों तक रांची पुलिस (Ranchi Police) पहुंच पाई थी। दोनों आरोपियों के बीच चल रहे अवैध संबंध को छुपाने के लिए परी की हत्या की गई थी।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत के समक्ष कुल 22 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए हैं, जिसमें चार एसपी के अलावा डॉक्टर, नारको टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करने वाले अधिकारी भी शामिल हैं।
झारखंड हाईकोर्ट ने मामले का लिया था स्वत: संज्ञान
इस बहुचर्चित मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एसपी रैंक के अधिकारी को इस हत्याकांड की जांच की जिम्मेदारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच पूरी की।
मामले का अनुसंधान रांची की पूर्व सिटी एसपी जया, अनूप बिरथरे, सुजाता वीणापानी हरिलाल चौहान एवं सौरभ ने की थी। मामले में सभी एसपी की गवाही दर्ज हो चुकी है। सौरभ ने 3 मार्च 2020 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल (Charge Sheet Filed) की थी।