खूंटी: उग्रवाद प्रभाावित अड़की और मुरूह थाना के सीमावर्ती कुलबुरू चैपी जंगल में गुरुवार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआइ और पुलिस के बीच हुई मुठभेड में एक उग्रवादी को पकड़ा गया है।
उसके पास से दो रायफल, 21 कारतूस, उके47 के 25 कारतूस और तीन खोखा, एक मैगजीन, छह मोबाइल और 35 चार्जर बरामद किये गये हैं।
पीएलएफआइ उग्रवादियों द्वारा सड़क निर्माण कार्य में लगे जेसीबीए ट्रैक्टर और बाइक जलाने की घटना के महज 20 घंटे के अंदर पुलिस ने उस दस्ता के साथ मुठभेड़ के बाद एक उग्रवादी को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार उग्रवादी सुलेमान सांडी पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत बाड़ी माइलडीह का रहने वाला है।
उसकी उम्र लगभग 19 वर्ष है। शुक्रवार को अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों को जलाने की घटना को पीएलएफआइ के लाका पाहन दस्ता ने 30 दिसंबर की रात लगभग साढ़े सात बजे अंजाम दिया था।
पुलिस को इस घटना की जानकारी ठेकेदार के लोगों द्वारा 31 दिसंबर की सुबह लगभग नौ बजे दी गई।
इसके एसपी लगभग 12 बजे बमड़दा पहुंचकर इस संबंध में त्वरित कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।
एसपी ने अपर पुलिस अधीक्षक अभियान रमेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की, जिसमें एसडीपीओ आशीष कुमार महली, सर्किल इंस्पेक्टर शाहिद रजा, मुरहू के थानेदार विक्रांत कुमार, चुड़ामणि टुडू, सोनू कुमार, रितेश कुमार महतो, बिट्टू रजक, संदीप कुमार और मुरहू थाना के सशस्त्र बल के जवानों को शामिल किया।
टीम को पता चला कि पीएलएफआइ के लाका पाहन का दस्ता मुरहू से सटे अड़की थाना क्षेत्र के चैपी- कुलबुरू के इलाके में भ्रमणशील है।
31 दिसंबर की शाम लगभग चार बजे पुलिस टीम जैसे ही उस इलाके में पहुंची, पीएलएफआई कमांडर लाका पाहन का दस्ता हथियार के साथ नजर आया।
पुलिस को देखते ही उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों ओर से 50 से ज्यादा गोलियां चलीं।
मुठभेड़ के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख उग्रवादी अपने एयर बैग, रायफल समेत अन्य सामानों को फेंक जान बचाकर भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा किया और एक उग्रवादी सुलेमान सांडी पकड़ लिया।
मुठभेड़ के बाद चलाये गए सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने हथियार व कारतूस बरामद किये।
सुलेमान ने स्वीकारा वाहनों को लाका के दस्ते ने जलाया
सुलेमान सांडी ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को बताया कि 30 दिसंबर की रात लाका पाहन के दस्ते में शामिल चार-पांच लोगों ने ही ट्रैक्टर, जेसीबी और मोटरसाइकिल को जलाया था।
उसके बाद वे मुरहू थाना क्षेत्र के कोटा इलाके में रात बिताने के बाद अगले दिन पैदल ही चैपी-कुलबुरू इलाके में पहुंचे थे।