रांची : केन्द्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (CIP) ने झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाइटी (JSLPS) के सहयोग से सर्ड के हेहल कैंपस में डायन प्रथा पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को इसकी शुरुआत CIP की सहायक प्रोफेसर मिट्टू मुथु वर्गीस (Professor Mittu Muthu Varghese) की ओर से महिला मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे विषय पर एक संवादात्मक चर्चा के साथ हुई। उन्होंने महिलाओं के शरीर पर मादक द्रव्यों के सेवन के प्रभाव तथा लोगों के दैनिक जीवन पर चिंता के प्रभावों पर चर्चा की।
प्रो. वर्गीस ने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने का महत्व बताया
प्रोफेसर मिट्टू मुथु वर्गीस ने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण (Positive Outlook) रखने का महत्व भी बताया। कार्यशाला के अंत में एक प्रश्न और उत्तर सत्र आयोजित किया गया। इसमें प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछे।
इसके अलावा मनोरोग सामाजिक कार्य विभाग के एचओडी डॉ. दीपंजन भट्टाचार्जी ने मानसिक स्वास्थ्य की समग्र अवधारणा पर सभा को संबोधित किया।
इसके बाद विधि मंडलोई ने सीआईपी में उपलब्ध मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने वाला एक सूचनात्मक सत्र लिया।
उन्होंने विभिन्न विभागों के कामकाज, उपचार प्राप्त करने की प्रक्रिया और उपचार की सस्ती लागत पर अपनी बातें रखीं।
बाद में मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) देखभाल के लिए आपातकालीन नंबर प्रतिभागियों के बीच साझा किया गया। कार्यशाला का समापन एक फीडबैक सत्र के साथ हुआ, जिसके बाद एक प्रश्नकाल हुआ जहां प्रतिभागियों ने संसाधन सेवियों से अपने प्रश्नों का उत्तर पाया।