पटना: बिहार पुलिस ने पटना के फुलवरिशरीफ में छापेमारी कर देश विरोधी साजिश (Anti National Conspiracy) का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
बुधवार को पुलिस ने नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जबकि गुरुवार को तीसरे की गिरफ्तारी की गई। कार्यालय से पुलिस को कई आपत्तिजनक सामान (Objectionable Goods) बरामद हुए हैं।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लो (Manavjit Singh Dhillon) ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज तथा अरमान मलिक के रूप में हुई है। अरमान मलिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित करता था।
पटना के एसएसपी ढिल्लो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ये सभी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे थे। इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज (Incriminating Document) मिले हैं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 26 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। इनमें से अधिकांश लोग बिहार के हैं, जबकि कुछ लोग बिहार के बाहर के भी हैं।
एसएसपी ने बताया कि इस संगठन को हमलोग काफी समय से फॉलो कर रहे थे। हमारे अलावा कई और सुरक्षा एजेंसियों के पास इनको लेकर इनपुट थे। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भी हमें कई इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर हमने छापेमारी की।
पुलिस को तलाशी के दौरान पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मिशन 2047 का भी भंडाफोड़ हुआ है।
गिरफ्तार संदिग्धों के मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी ने कहा कि ये लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे।
उन्होंने और स्पष्ट करते हुए कहा कि ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे।
फुलवारीशरीफ के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार (Phulwarisharif Assistant Superintendent of Police Manish Kumar) ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद हुए हैं, जो मिशन से जुड़ा है। ये दस्तावेज 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने से जुड़े हुए हैं।
पुलिस और गहन जांच कर रही है तथा इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा
बताया जाता है कि दूसरे राज्यों से यहां लोगों का आना जाना था। बरामद दस्तावेजों में दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने की अपील भी की गई है। सूत्रों के मुताबिक अन्य देशों से फंडिंग (Funding) की भी कागजात पुष्टि कर रहे हैं।
एएसपी ने बताया कि यहां दूसरे राज्यों से प्रशिक्षक और छात्र आते थे और प्रशिक्षण का कार्य भी चलता था। सूत्रों का मानना है कि गिरफ्तार लोग सिमी के गिरफ्तार लोगों की जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे तथा सिमी और पीएफआई की बैठकों में शामिल होता था।
सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर परवेज पटना में बन ब्लास्ट (Bun Blast) की आतंकी घटना में शामिल था और फिलहाल जेल में है।
SSP ने बताया कि अभी पुलिस और गहन जांच कर रही है तथा इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा है।