Sawan Special : सावन महादेव का प्रिय महीना माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें शिव जी की पूजा में वर्जित माना गया है।
ऐसी मान्यता है शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी क्रोधित भी हो जाते हैं। आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर कौन सी चीजें अर्पित नहीं करना चाहिए।
शिवलिंग पूजन के लिए वर्जित हैं ये चीजें
केतकी
शिवलिंग पर केतकी के फूल अर्पित करने पर भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी का झूठ में साथ दिया था, इसलिए क्रोधित होकर भगवान शिव ने श्राप दे दिया था कि उनकी पूजा में कभी केतकी के फूल का उपयोग नहीं होगा।
शंख
शिव जी की पूजा में न शंख बजाया जाता है न ही शंख से उनका जलाभिषेक किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शंकर ने त्रिशुल शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था। उसकी राख से शंख की उत्पन्न हुआ था।
तुलसी
सावन में भोलेभंडारी की पूजा में तुलसीदल का पत्ता भी नहीं चढ़ाया जाता। कथा के अनुसार भगवान शिव ने तुलसी के पति जालंधर का संहार किया था। तब से ही तुलसी ने खुद को भगवान शिव की पूजन सामग्री में शामिल न होने की बात कही थी।
कुमकुम या सिंदूर
भगवान भोलेनाथ तो वैरागी हैं, जो अपने पूरे शरीर पर राख लगाते हैं। कुमकुम और सिंदूर विवाहित महिलाएं लगाती है और पुराणों के अनुसार शिव विनाशक हैं। सावन में शिव जी की पूजा में कभी सिंदूर या कुमकुम को शामिल न करें।
हल्दी
भगवान शिव को छोड़कर लगभग सभी देवी-देवताओं की पूजा में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी को सौभग्य का प्रतीक माना जाता है और शिव तो वैरागी हैं। शास्त्रों के अनुसार शिव को हल्दी चढ़ाने से चंद्रमा कमजोर होता है।