खूंटी: IIT की छात्रा के उत्पीड़न मामले में निलंबित किए गए IAS अधिकारी सैय्यद रियाज अहमद (Syed Riaz Ahmed) को कोर्ट ने राहत दी है। उन्हें जमानत दे दी गई है।
अधिवक्ता ने कहा- पुलिस ने जल्दबाजी दिखाई
सैय्यद रियाज अहमद के अधिवक्ता रमेश जायसवाल ने बताया कि SDO को गिरफ्तार करने में खूंटी पुलिस ने काफी जल्दबाजी की और 41 CRPC का उलंघन किया है।
बता दें कि 4 जुलाई को खूंटी थाना में IIT की छात्रा ने खूंटी SDM के खलाफ छेड़खानी से संबंधित प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में खूंटी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए SDM को गिरफ्तार (Arrested) कर जेल भेज दिया था।
बिना वारंट गिरफ्तार करने का अधिकार
अधिवक्ता रमेश जायसवाल ने बताया कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (Indian Code of Criminal Procedure) की धारा 41 के अनुसार पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
लेकिन बिना वारंट के गिरफ्तार करने के लिए उस व्यक्ति का जुर्म बहुत ही संगीन होना चाहिए। किसी मामूली या छोटे मामले में पुलिस किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार (Arrested Without Warrant) नहीं कर सकती
अदालत कठोर कार्रवाई कर सकती है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस अधिकारी अगर CRPC की धारा 41 का उल्लंघन करते हुए किसी को गिरफ्तार कर लें तो संबंधित अदालतें उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
अधिवक्ता ने कहा कि सैय्यद रियाज अहमद के बेल का मुख्य आधार था, उनकी गिरफ्तारी में CRPC की धारा 41 की घोर उल्लंघन 4 जुलाई को जमानतीय धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिस दिन जमानतीय धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी, उसी रात 1:27 बजे 41A का नोटिस दिया गया और फिर 3:10 बजे गिरफ्तार किया गया।