रामगढ़: माओवादियों के साथ सांठगांठ रखने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार (Freelance Journalist) के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
सवाल उठ रहे हैं कि पत्रकार माओवादियों के संपर्क कर क्या करना चाह रहा था। बहरहाल, यह कार्रवाई खरसावां पुलिस ने की है और स्वतंत्र पत्रकार रूपेश सिंह को रामगढ़ जिले के बिंझार से दबोचा है।
बताया जा रहा है कि वह माओवादी के शीर्ष नेता किशन दा के संपर्क में था। गिरफ्तारी के समय खरसावां पुलिस (Kharsawan Police) के साथ हजारीबाग जिले के गिद्दी थाना की पुलिस और रामगढ़ पुलिस भी मौजूद थी।
एक पुराने मामले में पत्रकार की संलिप्तता
रूपेश सिंह (Rupesh Singh) को गिरफ्तार करने पहुंची खरसावां पुलिस का मानना है कि कांड्रा थाना में 2021 में गिरफ्तार शीर्ष भाकपा माओवदी नेता के केस में रूपेश की भी संलिप्तता है।
इस दौरान घर में कोने-कोने को पुलिस ने खंगाला। लैपटॉप की जांच की गई। पुलिस रूपेश सिंह को गिरफ्तार कर अपने साथ खरसावां, जमेशदपुर लेते गई।
परिजनों ने पीएम-सीएम के खिलाफ मुर्दाबाद के लगाए नारे
रूपेश सिंह के गिरफ्तारी के बाद रूपेश और उसके घरवालों ने नरेंद्र मोदी, हेमंत सोरेन मुर्दाबाद, पत्रकरों पर दबंगई नहीं चलेगी, पुलिस प्रशासन (Police Administration) होश में आओ की नारेबाजी की। इस संबंध में रूपेश की पत्नी एकता शताब्दी ने कहा कि रूपेश निर्दोष है।
वह पत्रकार है और दबे कुचले लोगों का आवाज उठाते है और ट्वीट करता है। कहा कि जेल में बंद नन्हे लाल मोची को फांसी की सजा हुई थी, लेकिन राष्ट्रपति के माफी होने के बाद उम्र कैद की सजा हो गयी थी।
कांड्रा थाने में दर्ज मामले में हुई गिरफ्तारी
सरायकेला जिले के कांड्रा थाने में दर्ज मामले में रूपेश की गिरफ्तारी हुई है। इस कांड में भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो के सदस्य सह और इस्टर्न रीजन के ब्यूरो प्रभारी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा (Prashant Bose aka Kishan Da) की गिरफ्तारी हुई थी।
उनके साथ गिरफ्तार उनकी पत्नी शीला मरांडी भाकपा मोओवादी केंद्रीय कमेटी की सदस्य भी गिरफ्तार हुई थी। इनलोगों के साथ अन्य चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
इसी कांड में जांच के क्रम में रूपेश सिंह का भी नाम पुलिस को मिला है। जिसके आधार पर कोर्ट से वारंट लाने के बाद गिरफ्तारी हुई है।
विस्फोटक-नक्सली सामग्री मिलने पर हो चुकी है गिरफ्तारी
इससे पहले 2019 में औरंगाबाद में विस्फोटक सामग्री और नक्सली साहित्य मिलने पर रूपेश सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। इधर, पत्नी का आरोप है कि पुलिस और सरकार परेशान कर रही है।
पेगासस में केंद्र सरकार (Central government) उनके पति की फोन टेपिंग करवा रही थी। छापेमारी में हेड क्वार्टर डीएसपी चंदन कुमार, इंस्पेक्टर राजीव सिंह, प्रकाश यादव, सोनू चौधरी, तारकेश्वर रविदास, उपेंद्र कुमार, मनोज सिंह, महिला सब इंस्पेक्टर स्वेता कुमारी, प्रियंका कुमारी सहित कई पुलिस के जवान शामिल थे।
इस मामले में रामगढ़ एसपी पीयूष पांडेय ने कहा कि रूपेश सिंह के खिलाफ सरायकेला पुलिस के पास कोर्ट से जारी वारंट था।
उसी वारंट के आधार पर रूपेश सिंह (Rupesh Singh) के घर की तलाशी ली। मामले में उसे गिरफ्तार करके सरायकेला पुलिस ले गई है।
बता दें कि पुलिस इस मामले को लेकर काफी बारीकी से नजर रखे हुए थे। सारे साक्ष्य मिलने के बाद उसने तेजी से कार्रवाई है।