रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस अम्बुज नाथ की कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता योगेंद्र साव (Yogendra Saw) की याचिका पर सुनवाई करते हुए ने उन्हें जमानत दे दी है।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने योगेंद्र साव के द्वारा दाखिल क्रिमिनल अपील की सुनवाई के दौरान एलसीआर तलब की थी। लोअर कोर्ट की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट में योगेंद्र साव की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
योगेंद्र साव की तरफ से हाई कोर्ट (High Court) के अधिवक्ता विशाल तिवारी और अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखा।
सजा को निरस्त करने को लेकर हाई कोर्ट में लगाई गुहार
हाई कोर्ट के अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन (Shubhashish Rasik Soren) ने बताया कि योगेन्द्र साव क़रीब चार वर्ष से ज़्यादा समय से जेल में हैं लेकिन अब हाई कोर्ट से बेल मिलने के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है।
उल्लेखनीय है कि बड़कागांव के चीरूडीह में एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित क्षेत्र में खनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Protest) के दौरान हुए हिंसा मामले में निचली अदालत ने पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव दस साल की सुनाई है। इसके बाद पूर्व मंत्री ने निचली अदालत से मिली सजा को निरस्त करने को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई है।