रांची: राज्य में मॉनसून (Monsoon) के आगमन के बाद से उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं होने से कृषि विभाग (Agriculture Department) को सूखे (Drought) की चिंता सताने लगी है।
राज्य में 15 मई से धान के बिचड़े की रोपाई का सिलसिला शुरू हो गया था लेकिन ढंग से बारिश नहीं होने के कारण औसतन 10 फीसदी से अधिक बुआई किसी जिले में नहीं हो सकी है।
पाकुड़ जैसे जिले में तो एक से डेढ़ फीसदी ही बुआई हो पायी है। इससे सूखे (Drought) की आशंका कृषि विभाग (Agriculture Department) को सताने लगी है।
सभी जिलों के DC और विभागीय पदाधिकारियों (Departmental Officers) संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुरुवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इसे लेकर चिंता जतायी।
उन्होंने कहा कि इस बार मौसम की मार तय लग रही है। अगले 7-10 दिनों में अगर बारिश ढंग से हो भी गयी तो धान की फसल का लक्ष्य पिछली बार की तुलना में इस बार कम रहने की आशंका है।
ऐसे में अब सेकेंडरी एक्शन प्लान की ओर बढ़ना होगा। समय रहते वैकल्पिक तैयारियां अब शुरू की जायेंगी।
लांग टर्म कल्टीवेशन (Long Term Cultivation) से शार्ट टर्म कल्टीवेशन (Short Term Cultivation) पर जाना होगा। इसके बाद कम पानी में भी तैयार होने वाले बिचड़े जिलों को मुहैया कराये जायेंगे।
इस दौरान मंत्री के साथ विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीख, निबंधक सहयोग समितियां मृत्युंजय कुमार बर्णवाल सहित सहकारिता विभाग के कई पदाधिकारी भी मौजूद थे।
सुखाड़ की आशंका प्रबल
समीक्षा बैठक के बाद बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस बार सुखाड़ (Drought) की आशंका प्रबल है।
कैबिनेट की पिछली बैठक में CM Hemant Soren ने भी इस पर चिंता जताते हुए सभी को अलर्ट रहने को कहा है। सुखाड़ (Drought) की आशंका के मद्देनजर पलामू सहित दूसरी जगहों से जनप्रतिनिधियों ने लिखित तौर पर उनसे चिंता जतायी थी। ऐसे में कृषि निदेशक की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय समिति पलामू और संबंधित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का आकलन करेगी।
किसानों को फसल बीमा योजना (Crop Insurance Policy) का लाभ देने को विशेष पहल होगी। अगले सप्ताह इसके लिए जिला स्तरीय कॉर्डिनेशन कमिटी की बैठक होगी।
ब्लॉक लेवल पर इसका आयोजन होगा। रैयतों के अलावे बटाईदार किसानों को भी फसल राहत का लाभ दिया जायेगा।
बादल के मुताबिक आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) और अन्य के साथ मिल कर सुखाड़ (Drought) का आकलन होना है। राज्य यदि सुखाड़ (Drought) की ओर बढ़ता है तो केंद्र से भी सहयोग की मांग की जायेगी।
फसल राहत पर विशेष जोर
कृषि विभाग (Agriculture Department) किसानों को फसल राहत (Crop Relief) देने को विशेष अभियान चलायेगा।
इसके लिए निबंधित किसान राज्य के 20 हजार क़ॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center) में जाकर आवेदन करते हुए लाभ ले सकते हैं।
इसके लिए उन्हें सेंटर को सेवा शुल्क के तौर पर महज 40 रुपये देने होंगे। वैसे सक्षम किसान चाहें तो खुद से वेबसाइट www.jrfry.jharkhand.gov.in के जरिये भी इसका लाभ लेने के हकदार होंगे।
जिन किसानों को फसल की क्षति 30 से 50 फीसदी तक हुई होगी, उन्हें प्रति एकड़ 3 हजार रुपये (अधिकतम 15 हजार) DBT के जरिये दिये जायेंगे।
जिनका नुकसान 50 फीसदी से अधिक का होगा, उन्हें प्रति एकड़ 4000 रुपये (अधिकतम 20 हजार) रुपये का भुगतान होगा। राहत योजना के लिए अगले सप्ताह से जागरुकता अभियान (Awareness Campaign) चलाया जायेगा।
महाजनों के चंगुल में किसान ना फंसें, इसके लिए जिन निबंधित किसानों को KCC का लाभ अब तक नहीं मिला है, उसके लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा। राज्य स्तर पर एक कार्यक्रम कर CM को इसमें आमंत्रित किया जायेगा।