देवघर: बाबा बैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham) की पुनीत धार्मिक नगरी न सिर्फ आस्था वालों के लिए महत्वपूर्ण बल्कि, यहां कई परम्पराएं ऐसी भी हैं, जो बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लेती हैं।
बैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham) की एक ऐसी ही परम्परा है बिल्वपत्र प्रदर्शनी (bilvapatra exhibition)।
तीर्थ पुरोहित समाज दूर-दूर पहाड़ों-जंगलों से बेलपत्र करते हैं संग्रह
प्राचीन, अनोखा और अलौकिक है बाबा मंदिर में बेलपत्र प्रदर्शनी (Belpatra Exhibition) का आयोजन 151 बरसों से चला आ रहा है।
इस परंपरा की शुरुआत बाबा ब्रह्मचारी ने शुरू की थी। तब से लेकर आजतक यह परम्परा चली आ रही है।
श्रावण मास में श्रद्धा भक्ति-भाव से ओत-प्रोत तीर्थ पुरोहित समाज दूर-दूर पहाड़ों-जंगलों की ख़ाक छानकर विशिष्ट आकार प्रकार के बिल्वपत्र संग्रह करते हैं और बाकायदा चांदी की थाली में सजाकर इसकी मन्दिर परिसर में संगीतमय प्रदर्शनी (Exhibition) करते हैं। श्रेष्ठ बेलपत्र संग्रहकर्ता दल को सामाजिक तौर पर सम्मानित किए जाते हैं।
बेलपत्र संग्रहण एवं प्रदर्शनी के लिए तीर्थ पुरोहित समाज के कई दलों का गठन किया गया है।
इस वर्ष काली मंदिर में जनरल समाज, देव कृपा वन सम्राट बिल्वपत्र समाज, तारा मंदिर में बरनेल समाज, लक्ष्मी नारायण मंदिर में मसानी दल व बम बम बाबा बेलपत्र समाज, राम मंदिर में राजाराम बिल्वपत्र समाज, आनंद भैरव मंदिर में पंडित मनोकामना राधे श्याम बेलपत्र समाज के दो दल ने आकर्षक एवं बाबा की त्रिनेत्र के समान अनोखे पहाड़ी बिल्व पत्र की प्रदर्शनी (Exhibition) लगाई है।
पूरे श्रावण मास भर आयोजित होने वाले प्रदर्शनी (Exhibition) के बाद उक्त बिल्वपत्र को बाबा बैद्यनाथ को अर्पित किया जाता है।