कोलकाता: कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की तैयारियां पूरे देश में शुरू हो चुकी है।
इसी कड़ी में शनिवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ड्राई रन के माध्यम से तैयारियों को परखा गया है।
शनिवार सुबह राजधानी कोलकाता से सटे बिधाननगर म्युनिसिपल कारपोरेशन के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ड्राई रन अभियान चलाया गया। इसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मी शामिल रहे।
क्या है ड्राई रन
दरअसल ड्राई रन एक ट्रायल की तरह है। इसके जरिए यह परखा जाएगा कि वैक्सीन स्टोरेज पॉइंट से कैसे टीकाकरण वाले स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचेगी, उसे कोल्ड चेन पॉइंट पर भेजने के बाद एक व्यक्ति को लगाने में कितना समय लगेगा, उसके प्रतिकूल अथवा सकारात्मक प्रभाव को समझने में कितना वक्त लगेगा और उसे कैसे संभाला जाएगा, आदि की पूरी व्यवस्था को परखने की प्रक्रिया को ही ड्राई रन नाम दिया गया है।
देश में वैक्सीन स्टोरेज के लिए चार बड़े पॉइंट बनाए गए हैं, उनमें से एक कोलकाता में है जबकि बाकी के तीन मुंबई, चेन्नई और करनाल में हैं। यहीं से विशेष विमान के जरिए वैक्सीन को देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाएगा।
टीकाकरण के लिए तैयार किए जा रहे तीन कमरे
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि वैक्सीनेशन बूथ पर कम से कम तीन कैमरे तैयार किए जा रहे हैं।
पहला वेटिंग रूम होगा जहां टीका लगवाने वाले लोग पहचान पत्र के साथ पहुंचेंगे। उसकी जांच होगी।
यानी टीका लगवाने वालों को सबसे पहले इस वेटिंग रूम में आना होगा।
यहां उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद शख्स को दूसरे रूम में भेजा जाएगा जिसे वैक्सीनेशन रूम नाम दिया गया है।
यहां स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित अधिकारी उसे टीका लगाएंगे।
उसके बाद तीसरा रूम होगा “ऑब्जरवेशन रूम”, जहां टीका लगाने के बाद व्यक्ति को भेज दिया जाएगा और आधे घंटे के लिए उसकी निगरानी की जाएगी।
यह परखने के लिए कि कहीं कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है।
अगर सब कुछ ठीक रहा तो व्यक्ति को घर भेज दिया जाएगा और अगर कुछ गड़बड़ हुई तो उसे राजकीय अस्पताल में ले जाकर जांच होगी।
एक बार में केवल एक व्यक्ति को मिलेगी एंट्री
उक्त अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन रूम में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति को ही प्रवेश करने दिया जाएगा।
एक रूम में पांच हेल्थ ऑफिसर होंगे जिन्हें टीकाकरण के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी की है। इसके अलावा एक सुपरवाइजर है जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
मैसेज के जरिए लोगों को दी जाएगी टीकाकरण की सूचना
अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले लोग इस चिंता में पड़े हुए हैं कि वे कैसे जानेंगे कि उन्हें कब, कहां किस तरह से टीका लगाया जाना है।
इसके लिए एसएमएस प्रणाली विकसित की गई है। जिस शख्स को टीका लगाया जाना है उसे मैसेज के जरिए सूचना दी जाएगी।
उस मैसेज में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का पता और समय बताया जाएगा।
बनाया गया है मोबाइल एप्लीकेशन
राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए कोविन (Co-Win) नाम से मोबाइल एप्लीकेशन बनाया है।
इसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन सुविधा है। यानी जो व्यक्ति टीकाकरण कराना चाहते हैं वे इस मोबाइल एप्लीकेशन पर जाकर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं।
इसके अलावा राज्य सरकार भी अपनी ओर से पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करेगी।
शनिवार से ड्राई रन शुरू हुआ है। पूरी व्यवस्था को परखने के बाद सामने आने वाली खामियों को दुरुस्त किया जाएगा।
खबर है कि अगले एक से दो महीने में ही पूरे देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो सकती है।