नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट माइनिंग लीज और फर्जी कंपनी (Mining Lease and Fake Company) के मामले में Jharkhand High Court में हो रही सुनवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर गुरुवार (28 जुलाई) को सुनवाई करेगा।
आज झारखंड सरकार ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। इसके बाद Supreme Court ने 28 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
इससे पहले 17 जून को कोर्ट ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी।
तीन जून को Jharkhand High Court ने CM Hemant Soren के खिलाफ दायर याचिका के सुनवाई योग्य होने के मामले पर फैसला सुनाया था।
Jharkhand High Court ने झारखंड सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया था कि याचिका दाखिल करते समय झारखंड हाई कोर्ट की नियमावली (Manual) का पालन नहीं किया गया है।
कोर्ट ने Sealed Envelopes में दाखिल रिपोर्ट पर लिए गए आदेश को पलट दिया
झारखंड सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने झारखंड हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दायर की है उसके पिता CM Hemant Soren के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक केस में गवाह थे। उस मामले में शिबू सोरेन को सजा मुकर्रर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को हेमंत सोरेन को राहत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो पहले इस बात की पड़ताल करें कि सोरेन के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।
झारखंड के CM Hemant Soren को मिले माइनिंग पट्टे की ED जांच कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने ED से सीलबंद लिफाफे (Sealed Envelopes) में रिपोर्ट मांगी थी।
SC में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि SC ने एक मामले में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई रिपोर्ट को लेकर एक फैसला किया है। कोर्ट ने Sealed Envelopes में दाखिल रिपोर्ट पर लिए गए आदेश को पलट दिया है।