रांची : झारखंड में बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत 496 निजी और गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
राजधानी रांची में सबसे अधिक 97 विद्यालयों में यह अधिनियम लागू किया गया है।
लातेहार और साहिबगंज जिले में इस श्रेणी के कोई विद्यालय शामिल ही नहीं है
चतरा और लोहरदगा जिले में सिर्फ तीन विद्यालयों में RTE लागू है। लातेहार और साहिबगंज जिले में इस श्रेणी के कोई विद्यालय (School) शामिल ही नहीं है। इस बात की जानकारी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को लोकसभा में दी।
लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान रांची के MP Sanjay Seth ने यह सवाल किया था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों की बेहतर शिक्षा हो सके, इसके लिए सरकार क्या कदम उठाती है और कितने विद्यालयों में इसका अनुपालन किया जा रहा है।
रांची के सांसद संजय सेठ ने सरकार से पूछा था यह सवाल
रांची के MP Sanjay Seth द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Child Education Act) के तहत 6 से 14 वर्ष तक की आयु के प्रत्येक बच्चे को नजदीकी विद्यालय में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
विद्यालयों में कक्षा एक में उस कक्षा की संख्या के कम से कम 25 प्रतिशत बच्चों का नि:शुल्क प्रवेश (Free Admission) की व्यवस्था है।
Union Minister of State for Education ने बताया कि रांची जिला में वर्ष 2020-21 में 345 और 2021-22 में 437 आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों का नामांकन विद्यालयों में कराया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि RTE Act का कार्यान्वयन बेहतर तरीके से हो, इसके लिए Central govt. समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करती रही है।