रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन Monday को सुखाड़ पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए Agriculture Minister बादल पत्रलेख ने कहा कि State में जिस तरह का वर्षापात हुआ है, वह चिंता का विषय है। Government भी इसको लेकर चिंतित है।
सुखाड़ और अकाल की चपेट में रहा है Jharkhand
मंत्री पत्रलेख ने कहा कि पिछले कैबिनेट की बैठक में CM के साथ इस विषय पर चर्चा हुई थी। सुखाड़ की पहली बार स्थिति नहीं बनी है, पहले भी Jharkhand सुखाड़ और अकाल की चपेट में रहा है।
Government ने एक नहीं कई बैठकें हुई हैं। कृषि विभाग ने CM और आपदा प्रबंधन विभाग को स्थिति से अवगत करा दिया गया है।
नए पांच लाख नए Ration Card की जा रही है व्यवस्था
अबतक छह लाख 89 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसल का आच्छादन हुआ है जबकि राज्य में कृषि योग्य भूमि 27 लाख हेक्टेयर है।
हमलोग अबतक 35 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि वर्षापात 50 प्रतिशत से कम हुआ है, स्थिति ठीक नहीं है।
वैकल्पिक फसल योजना पर भी Government काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पांच लाख नए Ration Card की व्यवस्था की जा रही है।
जरूरत होने पर फिर से दीदी किचेन शुरू किया जाएगा। सुखाड़ पर स्थिति का आकलन कर सरकार निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि वैसे तो सुखाड़ पर निर्णय October Months में होती है लेकिन विशेष परिस्थिति में October महीने में भी सुखाड़ की घोषणा की जा सकती है।
मंत्री का जवाब गोलमटोल है: लोबिन
मंत्री बादल पत्रलेख के जवाब के बीच में ही झामुमो MLA लोबिन हेम्ब्रेम ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि Minister के जवाब गोलमटोल हैं।
उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा सुखाड़ और अकाल पर हो रही है और मंत्री घुमा रहे हैं। किसानों का पलायन हो रहा है।
गांव के गांव खाली हो रहे हैं। सत्र समाप्ति के बाद जब हमलोग क्षेत्र में जाएंगे तो जनता को क्या जवाब देंगे। Minister स्पष्ट घोषणा करें कि Government का निर्णय क्या है। क्या सरकार Jharkhand को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करेगी।