रांची: झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो (President Rabindra Nath Mahto) ने गुरुवार को कहा कि एक दल के सदस्यों के आचरण से आहत होकर विधानसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से एक दिन पहले स्थगित (Adjourned) करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि सत्र छोटा था। उम्मीद थी कि सभी दलों का सकारात्मक सहयोग उन्हें सदन चलाने में मिलता लेकिन पहले दिन से ही एक दल के सदस्यों का आचरण और कृत्य संसदीय व्यवस्था (Parliamentary system) के विरुद्ध रहा।
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों सदन के श्रृंगार है
उन्होंने कहा कि सदन सभी का है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों सदन के श्रृंगार हैं। सभी के सहयोग से ही जनहित में सदन के कार्य होते हैं लेकिन एक दल के सदस्यों के द्वारा जिस तरह का आचरण पेश किया गया वह कहीं से उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि नहीं चाहते हुए भी चार विधायकों (4 MLA) को निलंबित करना पड़ा। साथ ही कहा कि सदन की गरिमा को सदस्य नहीं समझेंगे तो आसन क्या कर सकता है।
स्पीकर (Speaker) ने कहा कि जब सदन चलता है तो पूरे State के लोगों की निगाहें इस पर होती हैं। जनता को यह अपेक्षा होती है कि उनके प्रतिनिधि उनकी समस्याओं को State के सर्वोच्च पंचायत (Supreme Panchayat) में रखेंगे। पूरा राज्य सुखाड़ की चपेट में है।
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह तय हुआ कि सुखाड़ पर विशेष चर्चा हो। विपक्ष ने इसका भी बहिष्कार(Disfellowship) किया।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं हो इसके लिए वह सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।