खूंटी: जिला विधिक सेवा प्राधिकार, (legal services authority) खूंटी के प्रयास से चार साल के बाद एक बंधुआ मजदूर (Bonded labor) गोवा से मुक्त हो पाया। यह मामला रनिया थाना के कर्रा टोंगरीटोली निवासी (Tongritoli resident) टोेपनो का है।
पतरस टोपनो के पिता कुस टोपनो और बहन सीमा समद ने डालसा में आवेदन देकर गुहार लगाई थी कि उसका बेटा पतरस 2018 में काम करने के लिए गोवा के मडगांव Railway station के समीप द वुड रेस्टोरेंट गया था।
वहां उसे बंधुआ मजदूर के रूप में काम कराया जाता था और इसके बदले ना तो उसे मजदूरी दी जाती थी और ना ही उसे घर आने दिया जा रहा था। पूरा परिवार चार वर्षों से पुत्र को मुक्त कराने के लिए परेशान था।
50 हजार रुपये मजदूरी के रूप में मिले
जिला विधिक सेवा प्राधिकार (legal services authority) खूंटी के अथक प्रयास और श्रम विभाग के सहयोग से पपतरस टोपनो दो अगस्त को अपना घर वापस आ गया।
उसको लगभग 50 हजार रुपये मजदूरी के रूप में मिले थे और 261000 रुपये बाकी था, जिससे रेस्टोरेंट के मालिक ने अब तक नहीं दिया है। डालसा बकाए रकम का भुगतान कराने के लिए प्रयास कर रहा है।
डालसा के सचिव मनोरंजन कुमार ने बताया कि मुक्त बंधुआ मजदूर पतरस शुक्रवार को परिवार के साथ डालसा व्यवहार न्यायालय (Dalsa Court of Practice) पहुंचा और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के अध्यक्ष सत्य प्रकाश और और अन्य न्यायिक अधिकारियों से मुलाकात कर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही इसके लिए डालसा का आभार जताया।