गांधीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को संकेत दिया कि सरकार छह साल से अधिक के गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाएगी।
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के पहले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में शाह ने कहा कि केंद्र सरकार साक्ष्य अधिनियम को मजबूत करने पर गंभीरता से काम कर रही है और इसके लिए वह भारतीय दंड संहिता, और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञों से बात कर रही है।
Forensic Science Passout के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा
गृह मंत्री (Home Minister) ने कहा कि इन परिवर्तनों और फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाने से, यह फोरेंसिक साइंस पासआउट (Forensic Science Passout) के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा।
उन्होंने NFSU के तीन और विंगों का भी उद्घाटन किया – DNA फोरेंसिक, साइबर सुरक्षा, और खोजी और फोरेंसिक पैथोलॉजी में उत्कृष्टता केंद्र – जो नई चुनौतियों में भाग लेने में मदद करेगा। शाह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये शाखाएं आपराधिक न्याय में बड़ी भूमिका निभाएंगी।