रांची: भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप पत्र जारी करने के बाद अब विभागवार नाकामियों को उजागर करना प्रारम्भ किया है। प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री एवं विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने हेमन्त सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर कड़े अंदाज़ में हमला बोला।
मुंडा ने रविवार को कहा कि ग्रामीण कार्य विकास एवं पंचायती विभाग में राज्य सरकार की उपलब्धियां नगण्य है।
रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार में ग्रामीण कार्य विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग में कई ऐतिहासिक कार्य हुए है जिसे राज्य की जनता जानती है।
हेमन्त सरकार गांव के विकास में रुकावट पैदा कर रही है। पंचायती राज व्यवस्था के तहत पांच वर्षों में चुनाव कराना है।
मुखिया का कार्यकाल दिसम्बर में ही समाप्त हो चुका है लेकिन अभी तक यह सरकार चुनाव कराने की दिशा में कोई कार्य नही कर रही है। उसकी मंशा चुनाव करानी की नही है।
सरकार की मंशा नही है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि को अधिकार मिले। इसके पीछे कुछ कारण तो अवश्य छिपा हुआ है।
मुंडा ने कहा कि 15वें वित्त आयोग का पूरा पैसा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भेजे कई माह हो गया है।
उसके बाद भी पंचायतों को अभी तक पैसा ट्रांसफर नही हुआ है।
15वें वित्त आयोग के गाइड लाइन के तहत राज्य को 15 दिनों के अंदर जिलो को पैसा ट्रांसफर करना है।
यदि तय सीमा में पैसा ट्रांसफर नही होता है तो राज्य सरकार को इसका पेनाल्टी देना होता।
इसलिए आनन फानन में जुलाई माह में जिलो को पैसा ट्रांसफर कर दिया गया।
लेकिन मुखिया के माध्यम से पैसा को खर्च करने एवं योजनाओं को स्वीकृत कराने में ये सरकार असफल साबित हुई।
लगभग 5-6 माह बीत जाने के बाद भी मुखिया को पैसा ट्रांसफर नही किया गया।
इसके पीछे सरकार की व्यक्तिगत स्वार्थ छिपा हुआ है। झामुमो, कांग्रेस एवं राजद के लोग चाहते है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा भेजा हुआ पैसा को रोककर केंद्र एवं भाजपा सरकार को बदनाम कर रहे है।
लेकिन यहां तो सब कुछ पारदर्शी तरीके से पेन पेपर में है। केंद्र ने राज्य को और राज्य ने जिला को पैसा कब दिया।
जिला के डीडीसी एव बीडीओ कहते है कि राज्य सरकार से हमे कोई गाइड लाइन नही मिला है कि पैसा को कैसे खर्च करें। राज्य सरकार जब तक गाइड लाइन नही देगी हम उस लैस को कैसे पंचायतों को ट्रांसफर करेंगे।
पंचायती राज विभाग में गाइड लाइन तो पहले से ही बना हुआ है अब कौन सी गाइड लाइन लेने की जरूरत है।
हेमन्त सोरेन की सरकार की मंशा है कि मुखिया का कार्यकाल खत्म होने के बाद अपने स्तर से इस पैसे को बीडीओ के माध्यम से खर्च करेंगे। इस खर्च में कहीं न कहीं हेमन्त सरकार का भी कुछ व्यक्तिगत अंश मिल पायेगा।
मनरेगा में 98 प्रतिशत समय से भुगतान हो रहा है ये भी भाजपा सरकार की देन है।
मनरेगा के तहत रघुवर सरकार ने रोजगार देने के साथ साथ मे एसेट देने का काम किया है, वो चाहे तालाब निर्माण,डोभा निर्माण या बिरसा मुंडा बागवानी मिशन के तहत बागवानी फलदार वृक्ष लगाने की बात हो।
लेकिन ये सरकार इसमे भी विफल साबित हुई है। मुंडा ने कहा रघुवर सरकार ने ग्रामीण को शहर से जोड़ने के लिए अटल के अपनो को पूरा करने की दिशा में काम किया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 48000 किमी सड़क बना है। उसमें 23000 किमी सिर्फ पिछले रघुवर सरकार में बना है। राज्य संपोषित एवं प्रधानमंत्री सड़क होजन के तहत ये काम हुआ है।
इस सरकार में वितिय वर्ष में मात्र 350 किमी सड़क बन पाई है।
साथ ही एक वर्ष में अभी तक एक किमी सड़क तक की स्वीकृति नही हुई है।
पांच वर्षो में 600 पुल भाजपा सरकार ने बनाया है और ये सरकार एक वर्षो में मात्र 15 पुल बना पाई है।
भाजपा सरकार में प्रधनमंत्री आवास योजना के साथ साथ अम्बेडकर आवास योजना चला रही थी।
2022 तक सभी को पक्का मकान देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
2020-21 वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने 4.5 लाख पीएम आवास योजना दिया था।
बजट सेशन मार्च में खत्म हो गया लेकिन अभी भी पीएम आवास योजना का स्वीकृति नही हुआ है।
प्रेस वार्ता में प्रदेश मंत्री काजल प्रधान, प्रवक्ता अमित सिंह, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक उपस्थित थे।