रांची: कोलकाता में नगदी के साथ गिरफ्तार होने के बाद निलंबित किए गए कांग्रेस के तीनों विधायकों (All three MLAs) डॉ इफरान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी व राजेश कच्छप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
हालांकि तीनों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। तीनों की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने से जड़े मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण (Speaker tribunal) में सुनवाई हुई। हालांकि यहां से तीनों को सशर्त जमानत दे दी गई।
बावजूद इसके तीनों को अभी कोलकाता में रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि मौजूदा स्थिति में संसाधनों की कमी के कारण वे डिजिटल माध्यम (Digital medium) से सुनवाई में नहीं जुड़ पाएंगे। स्पीकर न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान गुरुवार को तीनों विधायक की ओर से उपस्थिति नहीं हो पाई।
इन आरोपों में भी घिर चुके हैं तीनों, आलमगीर के वकील ने रखी बात
दूसरी ओर मामले में शिकायतकर्ता संसदीय कार्य मंत्री व कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम (Alamgir Alam) की ओर से अधिवक्ता ने विषय वस्तु रखते हुये कहा कि तीनों विधायकों डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप ने पार्टी के तीन अन्य विधायकों कुमार जयमंगल, भूषण बाड़ा व Shilpi Neha Tirkey को सरकार गिराने के लिए ऑफर दिया था। इसके लिए मंत्री पद और 10-10 करोड़ की पेशकश की गई थी।
तीन विधायकों ने तीनों के खिलाफ की थी शिकायत
इन विधायकों ने इसकी लिखित शिकायत (written complaint) की है। इसके साथ कहा कि एक तरफ देश के बेहतरीन अधिवक्ताओं को मामले में पैरवी के लिये रखा जा रहा है। चुनावी शपथ पत्र में करोड़ों की संपत्ति दिखाई है।
ऐसे में एक स्मार्ट फोन नहीं होने की बात गले नहीं उतर रही। स्पीकर ने मामले में पांच सितंबर को दोपहर डेढ़ बजे सुनवाई का समय निर्धारित किया है।
बहरहाल, अभी झारखंड की राजनीति में क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। CM खुद लीज आवंटन मामले में फंसे हुए हैं।
ऐसे समय में उनके विधायक इधर उधर न छिटक जाएं इसके लिए वे सभी को इधर से उधर लेकर भागते फिर रहे हैं।
राजनीति के केंद्र में चल रही भाजपा पर ही सत्ताधारी पार्टियां (Ruling parties) सरकार को अस्थिर करने का लगातार आरोप लगा रही हैं। जबकि भाजपा ऐसे किसी भी कार्य में संलिप्त होने से इनकार करती आ रही है।