नई दिल्ली: जमात-ए-इस्लामी हिंद (Jamaat-e-Islami Hind) ने गुजरात के बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार केस में आरोपितों को आम माफी योजना के तहत Jail से रिहा किए जाने की कड़ी निंदा की है।
जमात का कहना है कि वह इस सिलसिले में जमात की महिला विंग की तरफ से जल्द ही राष्ट्रपति (President) को एक ज्ञापन सौंपेंगे। ज्ञापन के माध्यम से गुजरात सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करेंगे।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के दिल्ली में अबुल फजल इंक्लेव स्थित मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जमात के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम अहमद इंजीनियर ने उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में शामिल आरोपितों को आम माफी योजना के तहत Jail से रिहा करना एक गंभीर मामला है।
इस मामले में राज्य सरकार को मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाना चाहिए था लेकिन राज्य सरकार ने इन अपराधियों को रिहा करने का फैसला लिया है जो कि उचित नहीं है।
उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को दोबारा से जेल की सलाखों के पीछे डालना चाहिए।
उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह (Prime Minister Narendra Modi-Home Minister Amit Shah) से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है।
आत्महत्या करने वालों में दो तिहाई संख्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की है
सलीम अहमद इंजीनियर (Salim Ahmed Engineer) ने देश में बढ़ती आत्महत्या (Suicide) की घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि 1967 के बाद से 2021 में आत्महत्याओं की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
आत्महत्याओं की घटनाओं का जो Data हमारे सामने आ रहा है, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि आत्महत्या करने वालों में दो तिहाई संख्या आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की है।
उन्होंने देश में न्याय देने में हो रही देरी पर भी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने खुद संसद में स्वीकार किया है कि देश के विभिन्न न्यायालयों में 4.70 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं।
उन्होंने कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आर्थिक हालात को सुधारने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को किसानों की आय को दोगुना करने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए।
उनका कहना है कि कृषि क्षेत्र में भी किसानों के जरिए भी आत्महत्या करने की घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है।
कृषि से जुड़ी तमाम समस्याओं के समाधान के लिए सरकार (Government) को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि असम और उत्तर प्रदेश (Assam-Uttar Pradesh) सहित कई राज्यों में मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जिसे बंद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुछ मदरसे फर्जी (Madrasa Fake) हो सकते हैं लेकिन सभी मदरसों पर इस तरह का आरोप लगाना गलत है।